रांची (Ranchi) में सोमवार को टीम इंडिया ने मेहमान इंग्लैंड के खिलाफ खत्म हुए चौथे टेस्ट के चौथे ही दिन उसे 5 विकेट से हराकर आखिरी टेस्ट मैच से पहले ही सीरीज पर कब्जा कर लिया. टीम रोहित का यह प्रदर्शन यह देखते हुए बहुत ही ज्यादा मायने रखता है कि इस सीरीज में उसके सबसे बड़े स्टार विराट कोहली (Virat Kohli) पूरी सीरीज में उपलब्ध नहीं रहे, तो केएल राहुल (KL Rahul), श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) और जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) की अलग-अलग कारणों से सेवा नहीं मिल सकी. बहरहाल, अगर भारत फिलहाल एक टेस्ट बाकी रहते 3-1 की अजेय बढ़त पर आ गया, तो इसके पीछे कई कारण रहे. चलिए आपको 5 सबसे बड़े कारणों से अवगत करा देते हैं. 

1. जायसवाल का तूफानी अंदाज 

इसमें दो राय नहीं कि जायसवाल भारत की जीत में सबसे बड़ी वजह बनकर उभरे हैं. उनका कद और यश दोनों का ही ग्राफ बहुत ही तेजी से ऊपर गया है. और ऐसा हुआ है दोनों टीमों सबसे ज्यादा रन (अभी तक 4 टेस्ट में 655 रन). आप समझ सकते हैं कि जायसवाल के बाद दूसरे नंबर पर शुभमन (342) के बीच कितना ज्यादा अंतर है. जायसवाल के प्रदर्शन की यूएसपी (यूनीक सेलिंग प्वाइंट्स) रहे दो लगातार दोहरे शतक और उनका 93.57 का औसत. अभी एक टेस्ट बाकी है मेरे दोस्त!

2. जडेजा हैं फिलहाल ऑलराउंडर नंबर वन !

भले ही चौथा टेस्ट मैच जडेजा के लिए बल्ले से तुलनात्मक रूप से फीका रहा, लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं कि जडेजा ने अभी तक खेले तीन टेस्ट में अंग्रेजों पर गेंद और बल्ले दोनों से बहुत ही करारा वार किया. रांची में उन्होंने पहली पारी सहित कुल 5 विकेट लिए. वहीं, अभी तक जडेजा तीन मैचों में 17 विकेट लेकर संयुक्त रूप से दूसरे नंबर पर हैं, तो बल्ले से भी जलवा बिखरते हुए जड्डू ने तीन टेस्ट मैचों में 43.4 के औसत, एक शतक और एक अर्द्धशतक से 217 रन बनाए हैं. 

3.  जस्सी जैसा कोई नहीं!

जब बुमराह इलेवन में होते हैं, तो इसका असर कितना गहरा होता है, यह इस पेसर ने विशाखापट्टम में दूसरे टेस्ट में दिखाया. जसप्रीत ने पहली पारी में 45 रन पर 6 सहित मैच में 9 विकेट लेकर दिखाया कि इस समय पूरी दुनिया में जस्सी जैसा कोई नहीं! यह वही टेस्ट है, जिसमें उनकी ऐतिहासिक यॉर्कर हमेशा के लिए फैंस की यादों में समा गई. चौथे टेस्ट में आराम पर गए बुमराह अभी तक तीन टेस्ट में 17 विकेट लेकर सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों में दूसरे नंबर पर हैं 

4. रोहित शर्मा का जवाब नहीं

बहुत से फैंस कह सकते हैं कि रोहित शर्मा का बल्ला भला कहां खास बोला है. लेकिन सच यह है कि बिना मुख्य खिलाड़ियों के रोहित ने जैसे अपनी कप्तानी से टीम को संभाला है. और इसमें उनके एक शतक और एक अर्द्धशतक से 37.12 के औसत से अभी तक बनाए गए 297 रनों को जोड़ दिया जाए, तो इस बात का असर टीम के हितों पर बहुत ही ज्यादा पड़ा है. रोहित ने युवा खिलाड़ियों के साथ टीम को एक धागे में पिरोए रखा, तो वहीं जुरेल और सरफराज जैसे खिलाड़ियों को टेस्ट कैप देने के फैसले में भी शामिल रहे. 

5. ध्रुव जुरेल ने चौंका दिया !

अगर इशान किशन उपलब्ध रहते, तो क्या होता? बहरहाल, अब इस सवाल के कोई मायने नहीं हैं. खेल में जो होता है, वह वर्तमान होता है. और आज का सच यह है कि हर ओर ध्रुव जुरेल की चर्चा है. और अगले कई टेस्ट मैचों में किसी भी विकेटकीपर के लिए दरवाजे बंद हो गए हैं. रांची में जिस तरह उन्होंने पहली पारी में 90 और दूसरी पारी में नाबाद 39 रन बनाकर जीत में सबसे अहम भूमिका निभाकर प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार जीता, वह करोड़ों फैंस की यादों में हमेशा के लिए सुखद एहसास बनकर समा गया. निश्चित तौर पर कई कारणों में जुरेल भारत की सीरीज फतह में पांचवां सबसे बड़ा कारण रहे

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