प्रयागराज, माघ मेला
स्वामी देवप्रवर प्रपन्नाचार्य बने जगद्गुरु रामानुजाचार्य
माघ मेला क्षेत्र में अनंत श्री विभूषित जगद्गुरू रामानुजाचार्य स्वामी रोहिणीश्वर प्रपन्नाचार्य, पीठाधीश्वर श्री रामजानकी सिद्धपीठ, पुराना अलंकार आश्रम पुरानी लंका, चित्रकूट धाम के सुयोग्य शिष्य देवप्रवर प्रपन्नाचार्य महाराज को जगद्गुरू रामानुजाचार्य पद पर अभिषिक्त किया गया।
माघ मेला के सेक्टर 5 रामानुज नगर में अन्नपूर्णा मार्ग स्थित श्री वेदान्ती आश्रम, गोलाघाट, सुल्तानपुर जगद्गुरू रामानुजाचार्य स्वामी मधुसूदनाचार्य महाराज के शिविर में आयोजित पट्टाभिषेक समारोह में बुधवार को सुबह विशिष्ट विद्वानों द्वारा आर्ष ग्रन्थों का पारायण, भगवत अर्चना, नाम पारायण एवं हवन किया गया। इसके बाद देव प्रवर प्रपन्नाचार्य महाराज का जगद्गुरू रामानुजाचार्य पद पर पट्टाभिषेक किया गया। संतों ने तिलक लगाया और चादर ओढ़ाकर मंगलानुशासन किया। देव प्रवर प्रपन्नाचार्य ने अपने पूर्वाचार्यों के अभिमत को मूर्तरूप में चरितार्थ करने का दृढ संकल्प ग्रहण किया। इस अवसर पर आयोजित गोष्ठी एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए 1008 अनंत श्री विभूषित जगद्गुरू रामानुजाचार्य स्वामी रोहिणीश्वर प्रपन्नाचार्य महाराज ने कहा कि आचार्य कृपा का अवलम्बन ही जीव के उद्धार के लिए है। शरणागति में भगवान की कृपा आचार्य की कृपा से ही सम्भव हो पाती है। हर जीव के जीवन में सद् उपदेशक का बहुत ही महत्व है। देव प्रवर को मेरे संल्पित विचारों को मूर्तरूप देने के लिए ईश्वर संकल्पित करे। गोष्ठी में नवनियुक्त जगद्गुरू रामानुजाचार्य देव प्रवर प्रपन्नाचार्य महाराज ने शरणागति रहस्य का विस्तृत विवेचन किया। इस दौरान लोग मंत्रमुग्ध रहे। पट्टाभिषेक समारोह का संचालन जगद्गुरू रामानुजाचार्य स्वामी मधुसूदनाचार्य महाराज ने एवं आभार ज्ञापन श्री राम जानकी धार्मिक संस्था के हरिशंकर शुक्ला ने किया। इस अवसर पर जगद्गुरू रामानुजाचार्य रघुनाथ देशिक, जगद्गुरू रामानुजाचार्य अच्युत प्रपन्नाचार्य महाराज, रामानुज नगर प्रबन्ध समिति के महामंत्री अखिलेशाचार्य महाराज एवं अन्य संत-महात्माओं के साथ ही बड़ी संख्या में शिष्य-भक्तगण एवं श्री राम जानकी धार्मिक संस्था के लोग मौजूद रहे।