मुस्लिम राष्‍ट्रीय मंच के 300 सदस्‍यों ने काशी विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक किया और ज्ञानव्‍यापी परिसर जाकर व्‍यास जी तहखाने के झांकी दर्शन किए. इस मंच के मुस्लिम सदस्‍यों ने ओम नम: शिवाय का जाप भी किया. उन्‍होंने कहा कि भगवान राम, भगवान कृष्‍ण सब हमारे नबी हैं.

वाराणसी. ज्ञानवापी विवाद के बीच 300 मुस्लिम महिला और पुरुषों के जत्‍थे ने काशी में बड़ा संदेश दिया है. मुस्लिम राष्‍ट्रीय मंच के बैनर तले इन सदस्‍यों ने काशी विश्वनाथ मंदिर पहुँच कर जहाँ जलाभिषेक किया तो वहीं ज्ञानवापी तलगृह का भी झांकी दर्शन किया. इस दौरान मुस्लिम सदस्‍यों का मंदिर परिसर के चौक पर स्वागत भी किया गया. मुस्लिम सदस्‍यों ने कट्टरपंथी मौलानाओं की बातों को अनसुना करने का आग्रह किया. उन्‍होंने कहा कि हिंदू हमारे भाई हैं, हमारे पूर्वज सब एक ही थे

मुस्लिम राष्‍ट्रीय मंच का जत्था शाम 5:00 बजे विश्वनाथ मंदिर गेट नंबर 4 के पास पहुंचा और वहां से अंदर प्रवेश करते हुए सबसे पहले विश्वनाथ मंदिर के गर्भ गृह में जाकर शिवलिंग का जलाभिषेक किया. इसके बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ज्ञानवापी तहखाना के पास जाकर वहां से झांकी दर्शन किया. इस अवसर पर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के महामंत्री राजा रईस ने कहा कि हम अपने बाबा यानी अपने पूर्वज के दर्शन करने आए थे. उन्‍होंने कहा कि भगवान राम, भगवान कृष्‍ण और भगवान शिव सब हमारे अपने हैं. हमारे बाबा-दादा सब एक हैं और हिंदू हमारे भाई हैं

कट्टरपंथी मौलाना तो गलत बात करते हैं 
मुस्लिम राष्‍ट्रीय मंच के सदस्‍‍‍‍‍‍यों ने कहा कि कट्टरपंथी मौलाना तो हमेशा ही गलत बयान देते हैं. कुरान शरीफ में साफ- साफ लिखा है कि 1 लाख 24 हजार नबी इस दुनिया में आए हैं. इनमें से कुछ मुस्लिम थे लेकिन चंद लोग हमेशा गलत ही बातें करते हैं. हम मानते हैं कि भगवान शिव हमारे पूर्वज हैं और हम उनकी संतान हैं. हम उन्‍हें अपना बाबा मानते हुए उनके दर्शन करने के लिए यहां आए थे. उनकी पूजा करने वाले सभी लोग हमारे भाई हैं.

1 अरब 15 करोड़ लोगों को कैसे दे सकते हैं चुनौती 
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के महामंत्री राजा रईस ने कहा कि चंद कट्टरपंथी लोग आखिर 1 अरब 15 करोड़ लोगों को कैसे चुनौती दे सकते हैं. भारत की संस्‍कृति महान है. यह सत्‍यम, शिवम और सुंदरम की धरती है; विदेशी ताकतों और अंग्रेजों की गुलामी के कारण कुछ लोग बहक गए हैं और अपनी संस्‍कृति को भूल रहे हैं. ऐसे लोगों को हम सब भारत की तहजीब और अमन का संदेश देने के लिए यहां आए हैं और हमने ज्ञानवापी परिसर में व्‍यास जी तहखाने में विराजमान भगवान के झांकी दर्शन भी किए हैं.

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