D.Singh @sundaymail.in

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को उन चार अंतरिक्ष यात्रियों के नामों की घोषणा की, जो देश के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन-‘गगनयान’ के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं । बंगलौर में सभी चार अंतरिक्ष यात्रियों को पीएम ने राष्ट्र से रूबरू कराया। ये चारों अंतरिक्ष यात्री पायलट हैं जिसमे प्रयागराज के ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप भी शामिल हैं।

कौन हैं ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप

मिशन गगनयान के एस्ट्रोनॉट अंगद प्रताप वायुसेना में फाइटर और टेस्ट पायलट हैं। वह भी ग्रुप कैप्टन के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं।
अंगद प्रताप का जन्म 17 जुलाई 1982 को प्रयागराज में हुआ था।
वह एनडीए के पूर्व छात्र हैं। 18 दिसंबर 2004 में उन्हें वायुसेना के फाइटर स्ट्रीम में शामिल किया गया। उनके पास फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और टेस्ट पायलट का करीब 2000 घंटे का अनुभव है। अंगद ने सुखोई-30एमकेआई, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डॉर्नियर और एन-32 जैसे विमान और फाइटर जेट्स उड़ाए हैं।

ये हैं तीन अन्य एस्ट्रोनॉट्स

पीएम नरेंद्र मोदी ने तिरुवनंतपुरम के पास थुंबा में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र का मंगलवार को दौरा किया जहां उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की तीन प्रमुख अंतरिक्ष बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया । उन्होंने वीएसएससी में बताया कि ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, अंगद प्रताप एवं अजीत कृष्णन और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला गगनयान मिशन के लिए नामित अंतरिक्ष यात्री हैं । उन्होंने इन चारों को ‘अंतरिक्ष यात्री पंख’ प्रदान किए ।
इन्हे पृथ्वी के ऑर्बिट में 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर तीन दिनों के लिए भेजा जाएगा।
ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर का जन्म 26 अगस्त 1976 को केरल के तिरुवज़ियाड में हुआ था । वो NDA के पूर्व छात्र हैं और वायु सेना अकादमी में स्वोर्ड ऑफ ऑनर के प्राप्तकर्ता हैं । उन्हें 19 दिसंबर 1998 को भारतीय वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम में कमीशन दिया गया था. वो एक कैट ए फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और टेस्ट पायलट हैं और उनके पास लगभग 3000 घंटे की उड़ान का अनुभव है. उन्होंने Su-30 MKI, MiG-21, MiG-29, हॉक, डोर्नियर, An-32 आदि सहित विभिन्न प्रकार के एसी उड़ाए हैं. वे यूनाइटेड स्टेट्स स्टाफ कॉलेज के पूर्व छात्र और DSSC, वेलिंगटन और FIS में DS भी हैं। तांबरम. उन्होंने एक प्रमुख लड़ाकू विमान Su-30 Sqn की कमान संभाली है ।
विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ, यूपी में हुआ था। वह एनडीए के पूर्व छात्र हैं और उन्हें 17 जून 2006 को भारतीय वायुसेना की लड़ाकू शाखा में नियुक्त किया गया था। वह एक फाइटर कॉम्बैट लीडर और एक टेस्ट पायलट हैं, जिनके पास लगभग 2000 घंटे की उड़ान का अनुभव है । उन्होंने Su-30 MKI, MiG-21, MiG-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर, An-32 आदि सहित कई प्रकार के एसी उड़ाए हैं ।

ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन का जन्म 19 अप्रैल 1982 को चेन्नई, तमिलनाडु में हुआ था। वह एनडीए के पूर्व छात्र हैं और वायु सेना अकादमी में राष्ट्रपति के स्वर्ण पदक और स्वोर्ड ऑफ ऑनर के प्राप्तकर्ता हैं ।उन्हें 21 जून 2003 को भारतीय वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम में कमीशन दिया गया है। वह फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और टेस्ट पायलट हैं और उनके पास लगभग 2900 घंटे की उड़ान का अनुभव है । उन्होंने Su-30 MKI, MiG-21, MiG-21, Mig-29, जगुआर, डोर्नियर, An-32 आदि सहित कई प्रकार के एसी उड़ाए हैं ।

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