1994 का मामला, पहाड़ की 400 से ज्यादा औरतों से की थी छेड़छाड़, सीबीआई जाँच के बाद एक मामले में दो को सजा

मुजफ्फरनगर. दिल्ली की रैली में जा रही एक बस को रोककर उसमें सवार महिला के साथ छेड़छाड़ व रेप के मामले में दो पीएसी जवानो को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है.

अपर सत्र न्यायाधीश की विचारण अदालत ने 18 मार्च 2024 को रामपुर तिराहा मुजफ्फरनगर से संबंधित केस में पीएसी के तत्कालीन पुलिसकर्मी मिलाप सिंह एवं वीरेंद्र प्रताप को आजीवन कारावास के साथ एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। भारतीय दण्ड संहिता की धारा 376 (2) (जी), 392, 354 एवं 509 के तहत दोषी ठहराए जाने के बाद सजा सुनाई गई. जुर्माने की पूरी राशि पीड़िता को दी जाएगी।
उत्तराखंड संघर्ष समिति ने 2.10.1994 को लाल किला दिल्ली में एक रैली का आयोजन किया था. रैली में भाग लेने के लिए पहाड़ी क्षेत्रों से लोग बसों में दिल्ली आ रहे थे। उत्तर प्रदेश सरकार ने रैली में हिस्सा लेने वालों को रोकने के लिए जगह- जगह पुलिस बल तैनात कर सुरक्षा के इंतजाम किए थे। जब रैली करने वाले लोग एक और दो अक्टूबर की रात्रि में रामपुर तिराहा, मुजफ्फरनगर के पास पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया और हिरासत में ले लिया।
कुल 345 रैलीकर्ताओं को हिरासत में लिया गया, जिसमें से 47 महिलाएं थीं। हिरासत में ली गई महिला रैलीकर्ताओं के साथ बलात्कार व छेड़छाड़ के मामले सामने आए थे।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष उत्तराखंड संघर्ष समिति द्वारा समादेश याचिका संख्या 32928 वर्ष 1994, दायर की गई थी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के दिनांक 07.10.1994 के आदेश के अनुपालन में, सीबीआई ने प्रारंभिक जांच (पीई) की। सीबीआई द्वारा प्रस्तुत प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर, उच्च न्यायालय ने सीबीआई को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया। तदनुसार, सीबीआई ने दिनाँक 25.01.1995 को विभिन्न आरोपों पर मामला दर्ज किया कि रैली में हिस्सा लेने वालों को ले जा रही एक बस को मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा पर रोका गया.बस के शीशे, हेड लाइट और खिड़की के शीशे तोड़ दिए गए तथा तैनात पुलिस कर्मियों ने रैली में शामिल लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया। यह भी आरोप है कि दोनों पुलिसकर्मी पीएसी के थे, जिन्होंने बस में घुसकर पीड़िता के साथ छेड़छाड़ और बलात्कार सहित अपराध किए थे.
जांच पूरी होने के बाद, सीबीआई ने दिनाँक 21.03.1996 को आरोप पत्र दायर किया। विचारण के दौरान 15 गवाहों से पूछताछ की गई। विचारण अदालत ने दोनों आरोपियों को कसूरवार पाया और उन्हें तदनुसार सजा सुनाई।

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