तेज प्रताप

बाज़ार को कहा जाता है कि वो व्यक्ति और समाज को एक तरह का सिस्टम देता है जिससे समाज और व्यक्ति अपनी आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है ।अपनी आय के अनुसार उपभोक्ता वस्तुओं का क्रय कर सकता है ।

आदर्श स्थिति यही होती भी है कि उपभोक्ताओं की रुचियों और आवश्यकताओ के अनुसार बाज़ार वस्तुओं की उपलब्धता को निश्चित करे । उपभोक्ता साध्य हो और बाज़ार उसका साधन ।

लेकिन अभी स्थितियां बदल गईं हैं ।अब उपभोक्ता को बाज़ार अपने इशारों पर ब्रेकडांस कराता है । बाज़ार फलता- फूलता है और उपभोक्ता ब्रेक हो जाता है ।
अब बाज़ार ने यह सुनिश्चित करना शुरू कर दिया है कि वो लोगों की आवश्यकता पूरी नहीं होने देगा ।आप भरपेट खाना खा चुके होंगे लेकिन आपको भूख का तब भी एहसास हो रहा होगा । बाज़ार निश्चित कर रहा है कि आप आवश्यकताओं के चक्रव्यूह से कभी बाहर न निकल पाएं ।

बाज़ार में आपको जाने की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी ।पूरा का पूरा बाज़ार आपके स्मार्ट फोन के माध्यम से आपके घर में ही आ चुका है ।
आकर्षक विज्ञापनों के माध्यम से बाज़ार लोगों को खीच रहा है । बाज़ार लोगों का दिमाग़ पढ़ रहा है ।आपकी रुचियों,अभिरुचियों को जानकर हमारे सामने विकल्प उपलब्ध करा रहा है और हम बस बाज़ार के इशारों पर नाचे जा रहे हैं ।

बाज़ार लोगों की जेबें काटकर कुछ लोगों की ज़ेब भर रहा है । अध्ययन बताते हैं कि अमीर और अमीर होते जा रहे है एवं गरीब और गरीब होते जा रहे हैं लेकिन यह ज़रूर हो रहा है कि देशों की जी डी पी लगातार बढ़ रही है ।

बाज़ार रियल से ज़्यादा वर्चुअल हो रहा है।वर्चुअल डिमांड,वर्चुअल मार्केट , वर्चुअल दुनिया ,वर्चुअल समान और वर्चुअल सुख । मुश्किल तो यह है कि वर्चुअल की दुनिया में भूख रियल है ।

बाज़ार ज़रूरत पड़ने पर युद्ध भी करा सकता है ,महामारी- बीमारी भी फैला सकता है।
दुनिया उस डेड एंड पर आ गई है कि बाज़ार से बचना असंभव हो चुका है । बाज़ार का वायरस क्या गरीब ,क्या अमीर सबको संक्रमित कर चुका है ।अब सरकारें,समाज ,देश और व्यक्ति सभी मार्केट ड्रिवेन है ।धरती की गाड़ी मार्केट ड्राइव करके कहां ले जायेगा यह तो आने वाला वक्त ही बतायेगा लेकिन यह निश्चित है, व्यक्ति,उसका व्यक्तित्व ,संवेदनाएं और भावनाएं अप्रासंगिक हो जाएंगी और जो बाज़ार को पसंद है वही रहेगा । देह प्रमुख हो जायेगी दिल की बात सुनने को दिलवाला बचेगा ही नहीं ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *