शिवचरण चौहान
(हिंदी पत्रकार, कवि और लोक परम्पराओं के मर्मज्ञ)

अमर बेल बिनु मूल की प्रति पालत हैं ताहि।
रहिमन ऐसे प्रभुहि तजि, खोजत फिरिए काहि।।

कविवर रहीम कहते हैं कि ईश्वर बहुत दयालु है वह बिना मूल जड़ की अमरबेल का भी पालन पोषण करता है।
पता नहीं रहीम अमरबेल से प्रभावित हुए थे अथवा अमरबेल के फूलों से। वरना अमरबेल तो ऐसी लता है जो जिस पेड़ पर चढ़ गई उसका भक्षण कर लेती है नष्ट कर देती है। अमरबेल अमर बल्लरी नहीं है यह विषबेल है। परजीवी। इसकी जड़ नहीं होती मूल नहीं होता किंतु यह जिस वृक्ष पर चल चढ़ती है उसी वृक्ष में अपनी शाखाएं घुसा कर उसका खून चूस लेती है और फिर उसे निर्जीव करके छोड़ देती है।
अमरबेल में बसंत ऋतु में फूल आते हैं । फूल श्वेत और कभी हल्के गुलाबी रंग के गुच्छों में आते हैं और फिर ग्रीष्म ऋतु में फल आते हैं। अमरबेल के बीज जिन्हे फल कहते हैं बहुत छोटे बरसीम के बीज की तरह होते हैं। अमर बेल के 10 हजार बीज मिलाकर 5 या 6 ग्राम वजन के हो पाते हैं। अमरबेल का बीज धरती में 10 से 15 साल तक बिना अंकुरण के जिंदा रह सकता है और उचित वातावरण मौसम मिलने पर उग अाता है।
वैसे अमरबेल का एक टुकड़ा किसी भी पेड़ पर डाल दीजिए। अमरबेल अपने आप उस में फैल जाती है। अमरबेल को सूर्य की किरणों की कोई आवश्यकता नहीं होती इसलिए इस कारण पीला होता है। पतली सी अमरबेल में पत्तियां नहीं होती हैं। और या बिना जड़ के बेर, बबूल, कीकर आदि के पेड़ों पर बहुत तेजी से फैलती है। और अपनी पतली शाखाओं से छोटी-छोटी शाखाएं निकाल कर उसी पेड़ पर दराज में डाल देती है जिस पेड़ पर यह लिपटी होती है। परजीवी अमरबेल जिस पर पर फैलती है उसी के सारे पोषक तत्व चूस लेती है और कुछ दिन बाद वह पेड़ सूख कर नष्ट हो जाता है भले ही वह बबूल का पेड़ ही क्यों ना हो।
अमरबेल को अमर बल्लरी आकाश बेल भी कहते हैं दुनिया में इसकी 200 से अधिक प्रजातियां जातियां पाई जाती हैं जो परजीवी हैं।
घास वाले पौधों पर अमरबेल नहीं चढ़ती। गेहूं धान ज्वार बाजरा में अगर अमरबेल फैल गई तो अमरबेल सूख कर मुरझा जाती है।
बरगद,नीम के पेड़ पर अमरबेल को आश्रय नहीं मिल पाता। कहीं आसरा ना मिलने पर अमरबेल जमीन पर भी फैलती है और बरसीम तिल, अरहर उरद मूंग के पौधों को अपना आश्रय बनाकर उनके पोषक पालक तत्व चूस लेती है।
अमर बेल को गांव में चुड़ैल बाल भी कहते हैं क्योंकि यह लता जिस पेड़ पर घर बना लेती है उसे मार डालती है । इसका वैज्ञानिक नाम कस्कुटी है।
अमर बेल को किसी रसायन से नहीं खत्म किया जा सकता? अगर इसके नष्ट करने के लिए कीट नाशक का छिड़काव किया तो कीट नाशक अमर बेल को नहीं आश्रय दाता पेड़ को ही नुकसान पहुंचाते हैं। इस लिए अमर बेल को नष्ट करने के लिए इसे हाथ से या किसी यंत्र से पकड़ कर पेड़ से खींच लेना चाहिए और इसे जला देना चाहिए।

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