प्रयागराज, सन्डे मेल ब्यूरो
20 फरवरी 2024 को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के दफ्तर के बाहर सैकड़ों परीक्षार्थियों का जमावड़ा लग गया. रास्ते जाम हो गए.
युवाओं की भीड़ के बीच जाकर उनके नारे सुनिए. यही नारे उनकी पीड़ा हैं. इसका प्रकटीकरण सड़क पर हो रहा है.उनके निकट जाकर उनकी बात सुनने की कोशिश करने वालों ने नारा सुना… जो सरकार वीक है, उसका पेपर लीक है…
RO/ ARO की परीक्षाएं सुचिता पूर्ण ढंग से संपन्न ना हो पाने का आरोप लगाते हुए तमाम आवेदन युवाओं ने यह नारा बुलंद किया है कि अब उन्हें न्याय चाहिए.
हाल ही में कराई गई सभी भर्ती परीक्षाओं का रिएक्जाम चाहिए.
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग का यह वही दफ्तर है जहां कभी गुस्साए नौजवानों ने भर्ती परीक्षा में मनमानी, पक्षपात, पेपर लीक का आरोप लगाते हुए ‘यादव लोक सेवा आयोग’ लिख दिया था.
वो गुस्सा उस वक्त की अखिलेश यादव सरकार के खिलाफ था या अव्यवस्था के खिलाफ?
आज का गुस्सा सरकार के खिलाफ है या अव्यवस्था के खिलाफ?
सियासत न करें तो बहुत अंतर बहुत बारीक है.
हजारों की संख्या में अभ्यर्थी युवा बेचैन हैं, बेकरार हैं, और आयोग के अध्यक्ष को अपने बीच देखना चाहते हैं. उनको अपना ज्ञापन देकर अपनी पीड़ा जाहिर करना चाहते हैं. सुबह 10 बजे से 3 बजे तीखी धूप में युवा बैठे हैं. सिपाही मुस्तैद खड़े हैं. दमकल वाहन का चालक सचेत है. हर कोई कयास में लगा है. बात सुनी जाएगी? कहीं लाठी तो नहीं चलवा देगी सरकार? पीड़ित, सशंकित युवाओं को इस संवाद दाता ने यह कहते भी सुना कि चुनाव नजदीक है. लाठी तो नहीं चलनी चाहिए. पानी की बौछार और आँसू गैस चला सकते हैं सरकार के लोग.
फिर नेतृत्व करने वाले नारे लगाते हैं, जोश भर जाता है. प्रदर्शनकारी सिटिजन जर्नलिस्ट बनकर अपनी बात सोशल मीडिया के जरिए प्रसारित कर रहे हैं.
हां स्थानीय प्रशासन ने इतना जरूर किया है की लोक सेवा आयोग को जाने वाली मुख्य सड़कों पर बेरी कटिंग लगाकर ट्रैफिक डायवर्जन कर दिया है.
जहां गुस्सा आए नौजवानों की भीड़ है वहां दमकल की गाड़ियां खड़ी करती हैं अगल-बगल दंडधारी, बंदूकधारी दर्जनों सिपाही, दरोगा और उच्च स्तर के अधिकारी तैनात कर दिए हैं. लेकिन अभी इन परीक्षार्थियों की बात पर लोक सेवा आयोग अध्यक्ष का फैसला नहीं आया.