कानपुर. उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात इलाके के अनेक हिस्से, खासकर यमुना के बीहड़ वाले गाँव डकैतों के लिए कुख्यात रहे हैं. फूलन देवी हों, कुसुमा नाइन या फक्कड़ तिवारी और बाबा मुस्तकीम. अब उसी इलाके का गाँव मॉडल बनने की तरफ बढ़ चला है. वहाँ न सिर्फ शिक्षा का प्रसार हुआ है, बल्कि स्वास्थ्य शिक्षा ने जीवन की गुणवत्ता बदलनी शुरू कर दी है. खासकर महिलाओं और किशोरियों में स्वास्थ्य जागरूकता आई है.
अपने पदीय दायित्वों को निभाने के साथ साथ अपने अन्तकरण से सामुदायिक बदलाव के लिए प्रभावशाली ढंग से काम करने वाले आईएएस अधिकारी डॉ. हीरालाल शुक्रवार को इस गाँव पहुँचे.
गाँव का नाम है जलालपुर डेरापुर. ब्लॉक संदलपुर. इस गाँव की प्रधान हैं निधि कटियार. मॉडल गाँव योजना के मेंटर डॉ. हीरालाल के साथ दिल्ली यूनिवर्सिटी के किरोडीमल कॉलेज के प्रोफेसर भी पहुंचे.
आमतौर पर कानपुर देहात का मंगलपुर संदलपुर और डेरापुर इलाका कुख्यात बदमाशों के लिए चर्चा में रहा है. लेकिन इन दिनों वहां का यह गांव धीरे-धीरे समग्र रूप से बदल रहा है और मॉडल गांव बनने की तरफ ठोस कदम उठा चुका है.
इस गांव में महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वास्थ्य जागरूकता पर सामुदायिक चेतना तेजी से बढ़ी है. गांव में बीमारियों के खिलाफ अभियान चल हैं और स्वच्छता का वातावरण बनाने की पहल स्थानीय समुदाय ने की है. ग्राम सभा भी इस अभियान में जुट गई है.
12 जुलाई को कानपुर देहात के संदलपुर ब्लॉक के इस गांव में सैकड़ो लोग जुटे. उत्तर प्रदेश में मॉडल गांव तैयार करने और समुदाय को इसके साथ जोड़ने की बरसात कोशिशें में लगे आईएएस अधिकारी डॉक्टर हीरालाल की अगुवाई में अलग-अलग एजेंसियों के लोग स्वच्छ तौर पर इस गांव में जागरूकता का माहौल पैदा करने में जुटे हैं. ग्राम प्रधान निधि कटियार ने स्थानीय अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ ग्राम सभा के सैकड़ो लोगों को इसके लिए सक्रिय कर लिया है.
मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे डॉक्टर हीरालाल ने कहा कि भारत के हर गांव को मॉडल गांव के रूप में स्थापित करने का जो सपना कभी महात्मा गांधी ने देखा, जो स्वपन दीन दयाल उपाध्याय ने देखा उसे पूरा करने के लिए सामुदायिक पहल की जरूरत है. अतः प्रेरणा से इस अभियान में जुड़े डॉक्टर हीरालाल ने कहा कि हर व्यक्ति जो जहां है वह अपने पदों के दायित्व के अलावा अंतःकरण से गांव को गोद लेकर गांव की समस्याओं के समाधान का सूत्र देकर मॉडल गांव बनाने में मदद कर सकता है. इसी कड़ी में आज जलालपुर डेरापुर गांव में यह प्रयास साकार होते दिख रहे हैं. मैं यहाँ के ग्रामीण ग्रामीणों को बधाई दे रहा हूं.
डॉ हीरालाल के साथ मॉडल गांव के मुख्य कार्यक्रम अधिकारी सौरभ लाल किरोड़ीमल दिल्ली यूनिवर्सिटी के किरोड़ीमल कॉलेज के प्रोफेसर रुपिंदर, भारत सिरम एंड वैक्सीनेशन लिमिटेड के सीनियर मैनेजर डॉक्टर दिव्या सेन मुद्रा प्रमुख रूप से मौजूद रहे. इस अभियान में
महिलाओं के लिए सेनेटरी नैपकिन, अन्य आवश्यक दवाएं दी गई. सफाई के तौर तरीके बढ़ाने के साथ-साथ गांव में प्रसूता महिलाओं की देखभाल शुरूआत की गई है. मासिक धर्म से जुड़ी जानकारी, किशोरियों के स्वास्थ्य को लेकर भी गांव में प्रचार प्रसार किया जा रहा है. दरवाजे दरवाजे जाकर लोगों को सीधे तौर पर इस शैक्षिक और स्वास्थ्य के अभियान से जोड़ा जा रहा है. बच्चियाँ, बच्चे और ग्राम प्रधान के साथ मिलकर ग्राम समिति के लोग इस काम में तेजी के साथ जुटे हुए हैं.