लखनऊ. सन्डे मेल ब्यूरो


उत्तर प्रदेश की सियासी फिजा में एक नया गुल खिला है.
डॉक्टर सोनेलाल पटेल और इंजीनियर बलिहारी पटेल के साथ काम करने वाले कार्यकर्ताओं ने अखिलेश यादव के साथ चुनावी समझौता कर लिया है. अपना दल बलिहारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मराज पटेल और बौद्धिक मंच के अध्यक्ष डॉ रविंद्र नाथ द्विवेदी के साथ एक प्रतिनिधिमंडल ने एक दिन पहले समाजवादी पार्टी के मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी के साथ मुलाकात की. इसमें यह तय किया कि अपना दल बलिहारी के कार्यकर्ता लोकसभा चुनाव के दौरान इंडिया गठबंधन के मुख्य घटक समाजवादी पार्टी के साथ खड़े नजर आएंगे.


आपको बताते चलें कि डॉ. सोनेलाल पटेल और बलिहारी पटेल ने मिलकर 1995 में अपना दल नाम के एक राजनीतिक दल का गठन किया था. अपना दल में मचे पारिवारिक झगड़े के बाद कार्यकर्ताओं ने अपना दल के संस्थापक बलिहारी पटेल के नाम पर 2017 में नई राजनीतिक पार्टी का गठन कर लिया था. इसकी अध्यक्षता अपना दल के संस्थापक राष्ट्रीय महासचिव धर्मराज पटेल के हाथों में सौंप गई थी. तब से लगातार यह दल इंजीनियर बलिहारी पटेल के प्रभाव वाले क्षेत्रों में खासकर अवध के इलाके फैजाबाद, बस्ती गोंडा, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती, बनारस, मिर्जापुर गोरखपुर सोनभद्र भदोही प्रतापगढ़ रायबरेली सुल्तानपुर लखनऊ के हिस्से के साथ ही कानपुर फर्रुखाबाद कन्नौज हमीरपुर झांसी महोबा बुंदेलखंड के अन्य जिलों में तेजी के साथ सक्रिय है.
इसके पहले अपना दल ब की राजनीतिक दोस्ती जनता दल यू के साथ उत प् तय हुई थी लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा पाला बदलकर भारतीय जनता पार्टी के साथ खड़े हो जाने के बाद अपना दल बलिहारी ने उनसे नाता तोड़ लिया और वर्चस्ववादी सरकार के खिलाफ विपक्ष को मजबूत करने के लिए अखिलेश यादव को बिना शर्त समर्थन दिया है.
अपना दल बलिहारी के वरिष्ठ नेता डॉ रविंद्र नाथ द्विवेदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में एक दर्जन से अधिक जिलों में अपना दल बलिहारी का संगठन भूत स्तर तक सक्रिय है. कमेरा जातियों के बीच में अपना दल बलिहारी का वर्चस्व तेजी के साथ बढ़ रहा है. मां बेटी के झगड़े के बीच फंसा कार्यकर्ता अपना दल बलिहारी के साथ खड़ा होता हुआ दिख रहा है.
डॉक्टर द्विवेदी ने कहा कि यह वक्त की जरूरत है कि उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव में अपना दल बलिहारी ऐसी सशक्त पार्टी का समर्थन करें जो सांप्रदायिकता से लड़ सके.
ऐसी स्थिति में समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी के साथ लंबी मंत्रणा हुई है. इसी के बाद यह तय किया गया कि समाजवादी पार्टी के साथ अपना दल बलिहारी राजनीतिक दोस्ती को आगे बढ़ाएगी.

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