राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत ने पैदा किया तानाशाही का माहौल : रामचंद्र

जल्द ही थाम सकते हैं भाजपा का दामन

कौशांबी: दोआबा में प्रमुख विपक्षी दल सपा को एक और झटका लगा है। पूर्व मंत्री के बाद अब पूर्व विधानसभा प्रत्याशी रामचंद्र पासी ने भी तमाम समर्थकों के साथ साइकिल की सवारी से किनारा कर लिया है। माना जा रहा है कि वह जल्द ही भाजपा का दामन थामेंगे। उन्होंने इस बात के संकेत भी दिए हैं।
कौशांबी संसदीय सीट से सपा ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज के बेटे पुष्पेंद्र सरोज को मैदान में उतारा है। राजनीति के जानकारों का कहना है की खुद खांटी सपाई ही पुष्पेंद्र का विरोध कर रहे हैं। गुरुवार को पुष्पेंद्र के नामांकन में इसकी झलक भी तब देखने को मिली थी, जब पुराने समाजवादी वहां नजर नहीं आए थे। पुष्पेंद्र का विरोध इस कदर है की पार्टी में इस्तीफे का दौर चल पड़ा है। कुछ दिन पहले पूर्व मंत्री मतेश सोनकर ने इस्तीफा दिया था। अब चायल विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी और सपा नेता रामचंद्र पासी ने सपा को बाय बाय कह दिया है।
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इंद्रजीत की वजह से छोड़ी आजीवन सदस्यता: रामचंद्र

रामचंद्र पासी ने इस्तीफा देते हुए कहा कि वो राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज की वजह से पार्टी छोड़ रहे हैं। बताया कि सरोज ने सपा में तानाशाही का माहौल बना रखा है, जिससे खांटी सपाई उपेक्षित हैं। अखिलेश यादव भी पुराने सपाइयों की कोई बात नहीं सुनते हैं। एक व्यक्ति को जिला सौंपकर तानशाही करवाई जा रही है।
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रामचंद्र ने 30 साल की पार्टी की सेवा

चायल क्षेत्र के तिल्हापुर गांव निवासी रामचंद्र पिछले 30 सालों से सपा में थे। वो सपा से चायल का विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। वह पूर्व में लोकसभा का चुनाव लड़ चुके पूर्व ब्लॉक प्रमुख गिरीश पासी के भाई हैं। ऐसे में कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि पूर्व ब्लॉक प्रमुख गिरीश पासी भी जल्दी ही सपा का दामन छोड़ देंगे।
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इन्होंने भी कहा सपा को अलविदा

रामचंद्र पासी के साथ विजय कुमार, प्रधान रामपुर, भोला पाल प्रधान बिरनेर, अर्जुन पासी प्रधान उमरवल, राजेश पासी पूर्व प्रधान पिपरहटा, राजेंद्र पासी प्रधान गौरा, रामनाथ पासी पूर्व प्रधान तिलगोड़ी, शिवलाल पासी पूर्व प्रधान बूंदा, फूलचंद्र पासी डहिया आदि ने भी सपा छोड़ दी है।

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