हिमांशु भट्ट : कौशांबी संवाददाता

कौशाम्बी संसदीय सीट से शैंलेंद्र कुमार पासी वर्ष 1998, 2004 और 2009 के चुनावों में तीन बार सांसद रहे। यह तीनों चुनाव उन्होंने समाजवादी पार्टी के टिकट पर जीता। वर्ष 2019 में साइकिल की सवारी छोड़कर जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) की सदस्यता ग्रहण कर ली। इसी साल जनसत्ता दल से लोकसभा का चुनाव भी लड़े। हालांकि, तीसरे स्थान पर रहना पड़ा। अब 2024 के चुनाव की तैयारी भी पूर्व सांसद ने शुरू कर दी है। उन्होंने जनपद मुख्यालय मंझनपुर में सिराथू रोड पर केंद्रीय चुनाव कार्यालय खोला है। इस कार्यालय के बाहर लगे बोर्ड में जनसत्ता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुंवर रघुराज प्रताप सिंह, गोपाल जी और बाबागंज विधायक विनोद सरोज की फोटो लगी हुई है। बोर्ड में कहीं भी जनसत्ता दल का नाम या पार्टी का निशान नजर नहीं आ रहा है। यही बात राजनीति में दिलचस्पी रखने वालों को कई बिंदुओं पर मंथन करने के लिए मजबूर कर रही है। राजनैतिक पंडितों का कहना है कि जनसत्ता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष के शीर्ष भाजपा नेताओं से अच्छे रिश्ते हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अभी हाल ही में सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। राज्यसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा प्रत्याशी को वोट भी दिया था। ऐसे में कौशांबी संसदीय सीट के लिए भाजपा से उनका समझौता होना कोई बड़ी बात नहीं होगी।

सियासी चर्चाओं पर भरोसा करें तो जनसत्ता दल के नेताओं की ओर से पार्टी कार्यकर्ताओं को लोकसभा चुनाव की तैयारी करने का निर्देश दिया जा रहा है। कहा जा रहा है कि चुनाव हर हाल में लड़ा जाएगा और गठबंधन के साथ ही लड़ा जाएगा। पूर्व सांसद शैलेंद्र कुमार के साथ अन्य पार्टी नेता खुद भी रोजाना दो-चार गांवों का दौरा कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं ने भी अपने स्तर से तैयारी शुरू कर दी है।

राजनीति के गलियारे में चर्चा इस बात की भी है कि जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुंवर रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया इन दिनों दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। कहा जा रहा है कि वह लगातार शीर्ष भाजपा नेताओं के संपर्क में हैं। भाजपा नेताओं संग होने वाली उनकी बैठकों में किस बात की चर्चा की जा रही होगी ? इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।

पूर्व सांसद शैलेंद्र कुमार के पिता धर्मवीर दिग्गज कांग्रेसी नेताओं में शामिल थे। इस कारण शैलेंद्र के लिए कांग्रस में पहुंच-पकड़ काफी आसान थी। वर्ष 1985 और 1989 में कांग्रेस के टिकट पर ही वह चायल सीट से विधायक चुने गए। इस दौरान कैबिनेट मंत्री भी बने। दो बार विधायक और तीन बार सांसद होने के नाते साफ है कि शैलेंद्र की भी राजनीतिक गलियारे में अच्छी पकड़ होगी। राजा भइया का भी उन्हें करीबी माना जाता है।

जनसत्ता दल से गठबंधन होने की अटकलों के बीच भाजपा नेताओं की धड़कनें बढ़ रही हैं। सांसद विनोद सोनकर के साथ टिकट की लाइन में लगे अन्य नेता भी खासी उलझन में हैं। सभी अपने-अपने सियासी आकाओं के संपर्क में हैं। हालांकि, खुलकर कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। सियासी जानकारों का कहना है कि कौशांबी सीट पर भाजपा का गठबंधन हुआ तो भाजपा से टिकट की लाइन में लगे नेताओं को जोर का झटका लगना तय है।

धर्मराज मौर्य-जिलाध्यक्ष भाजपा

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