लोकसभा चुनाव तारीखों का ऐलान होने के बाद से राजनीतिक दलों ने अपनी सक्रियता तेज कर दी हैं। इन चुनावों में मुख्य मुकाबला भाजपा गठबंधन एनडीए और विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन के बीच हो रहा हैं। लेकिन राज्यों में बनने वाले तीसरे मोर्चे के गठबंधन इंडिया गठबंधन की मुश्कीलें बढ़ा रहे हैं। बात उत्तर प्रदेश की करें तो बसपा की एकला चलो की रणनीति से गठबंधन का नुकसान हो रहा था, लेकिन अब पल्लवी पटेल, स्वामी प्रसाद मौर्य और ओवैसी की पार्टी के बीच गठबंधन की खबरों ने इंडिया गठबंधन की चुनौती को बढ़ा दिया हैं।
पल्लवी पटेल ने असदूद्दीन ओवैसी की पार्टी से गठबंधन का औपचारिक ऐलान कर दिया हैं। सूत्रों के मुताबिक ओवैसी की मुलाकात आज स्वामी प्रसाद मौर्य से हो सकती हैं। माना जा रहा हैं की इस मुलाकात के जरिए कई छोटे-छोटे दल भागीदारी संकल्प मोर्चा के नाम से तीसरे मोर्चे का ऐलान कर सकते हैं। यूपी की राजनीति में तीसरे मोर्चे का कोई भी गठबंधन भाजपा के लिये संजीवनी बूटी साबित होगा।
असदूद्दीन ओवैसी और पल्लवी पटेल ने साझा प्रेस वार्ता में अखिलेश के पीडीए के जवाब में पीडीएम का ऐलान किया हैं। बता दे की 2022 विधानसभा चुनाव के बाद अखिलेश यादव पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक का नया मोर्चा बनाने की कोशिश में जुटे हैं। इसी के तहत अखिलेश ने लोकसभा चुनाव 2024 के टिकटों में इस बात का विशेष ध्यान दिया हैं। समाजवादी पार्टी की छवि को बदलने के लिये अखिलेश ने इस बार गैर यादव पिछड़ी जातियों को टिकट में भी हिस्सेदारी बढ़ाई हैं।
पल्लवी पटेल के पिछड़ा, दलित और मुसलमान नाम का नया मोर्चा अखिलेश की राजनीतिक पैटर्न के आस-पास दिख रहा हैं। इन समूहों के वोटों का अगर बिखराव होता हैं तो इंडिया गठबंधन का नुकसान स्पष्ट तौर पर दिख रहा हैं।