–कौशांबी संसदीय सीट से सपा के राष्ट्रीय महासचिव नहीं लड़ेंगे चुनाव
-इंद्रजीत की पत्नी व बेटे भी नहीं ठोकेंगे चुनावी मैदान में ताल
हिमांशु भट्ट : कौशांबी संवाददाता
लोकसभा चुनाव की नजदीकी को देखते हुए सपा में भी खींचतान शुरू हो गई है। वार्ड नंबर 26 की जिला पंचायत सदस्य शायमा भारती के पति जितेंद्र सरोज समेत चार पार्टी नेताओं ने टिकट के लिए दावा ठोंक रखा है। इसी बीच चुनावी रणभूमि में ताल ठोंकने से मना कर इंद्रजीत ने शायमा के पति जितेंद्र की दावेदारी प्रबल कर दी है। फिलहाल के सियासी समीकरण में शायमा व उनके पति को सरल अथवा सस्ता समझना राजनैतिक पंडित उचित नहीं बता रहे हैं।
मैं, मेरी पत्नी और बेटा नहीं लड़ेंगे चुनाव: इंद्रजीत
सपा के राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज ने खुद चुनाव लड़ने से साफ इंकार कर दिया है। तीन मार्च को पश्चिमशरीरा में हुई बैठक के दौरान उन्होंने मंच से कहा था कि वह और उनके परिवार का कोई भी सदस्य ताल ठोंकने के मूड में नहीं है। चर्चा पत्नी या बेटे के कौशांबी संसदीय सीट से चुनावी रणभूमि में उतरने की थी।
शीर्ष नेताओं की कर रहे हैं मिन्नत
लोकसभा चुनाव की अधिसूचना 12 मार्च को जारी हो जाएगी। इसे देखते हुए सपा से टिकट की लाइन में लगे नेताओं ने अब कुछ ज्यादा ही तेजी दिखानी शुरू कर दी है। लगभग सभी दावेदार राज्य मुख्यालय का चक्कर काट रहे हैं। कोई प्रदेश अध्यक्ष की जी-हजूरी कर रहा है तो कोई राष्ट्रीय महासचिव की मिन्नत कर रहा है। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात करने का प्रयास सभी की ओर से किया जा रहा है। हालांकि, अभी तक किसी की विधिवत मुलाकात हो नहीं सकी है।
यह नेता हैं सपा से टिकट की लाइन में
सपा से टिकट के लिए पूर्व मंत्री मतेश सोनकर ने दावेदारी कर रखी है। पूर्व सांसद स्व. सुरेश पासी के पुत्र रजनीश पासी ने भी संसदीय क्षेत्र की दीवारों को होर्डिंग से पाट दिया है। वार्ड नंबर 26 के जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि जितेंद्र सरोज सबसे प्रबल दावेदार बताए जा रहे हैं। अव्वल तो यह कि प्रतापगढ़ के सपा नेता पवन सरोज ने भी दावेदारी ठोंक दी है। जबकि, वह कौशांबी संसदीय सीट के निवासी तक नहीं हैं।
जितेंद्र के लिए जिला पंचायत सदस्य एकजुट
वार्ड नंबर 26 की जिला पंचायत सदस्य शायमा भारती के पति जितेंद्र सरोज ने टिकट के लिए आवेदन किया तो सपाई जिपं सदस्यों ने एकजुटता दिखानी शुरू कर दी। सदस्यों का कहना है कि अगस्त 2023 में भाजपा की कौशांबी जिला पंचायत अध्यक्ष कल्पना सोनकर के खिलाफ अविश्वास पेश किया गया था। अविश्वास की प्रक्रिया शुरू होते ही सत्ता के इशारे पर प्रशासन ने सपाई सदस्यों को प्रताड़ित किया। शायमा का मकान तक गिरवा दिया गया। कई सदस्यों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए। शायमा का मकान गिराए जाने के बाद समाजवादी पार्टी के कई बड़े नेता उनके घर गए थे। नेताओं ने लोकसभा चुनाव में मौका देने का इशारा भी किया था। यही वजह है कि शायमा के पति जितेंद्र अब प्रबल तरीके से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं।
इंद्रजीत ने किया किनारा
उत्तर प्रदेश की कौशांबी संसदीय सीट से मैं, मेरी पत्नी अथवा बेटा लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे। चार नेताओं ने टिकट के लिए आवेदन किया है। इन्हीं नामों पर विचार किया जा रहा है। अंतिम निर्णय राष्ट्रीय अध्यक्ष करेंगे।
इंद्रजीत सरोज-राष्ट्रीय महासचिव, सपा