वर्ष 2022 के चुनाव में लोकसभा क्षेत्र की पांचों सीटें हार गई थी भाजपा

सियासत के गलियारे में अब टिकट कटने की भी अटकलें

लोकसभा चुनाव की नजदीकी को देखते हुए दोआबा का सियासी रंग अब धानी हो गया है। राजनैतिक फलक पर राजनीतिज्ञों के अर्श और फर्श पर पहुंचने की चर्चाएं आम होने लगी हैं। अटकलों का बाजार मौजूदा सांसद विनोद सोनकर को लेकर सबसे ज्यादा गर्म है। हर कोई जानना चाहता है कि वर्ष 2022 के चुनाव में मिली हार विनोद के लिए वरदान बनेगी या फिर खतरे की घंटी ?
विनोद सोनकर वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार कौशांबी संसदीय सीट से सांसद बने। भाजपा ने उन्हें अनुसूचित मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष तक बनाया। इस नाते वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में लोकसभा क्षेत्र की सभी पांच सीटों पर कमल खिलाना उनकी प्रतिष्ठा का विषय भी था और जिम्मेदारी भी। बहरहाल, 10 मार्च 2022 को विस चुनाव के नतीजे आए तो पांच कि पांचों सीटों पर कमल की पंखुड़ियां मुरझा गईं। अव्वल तो यह कि सिराथू सीट पर प्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य तक को हार का सामना करना पड़ा। उन्हें अपना दल (कमेरावादी) की वरिष्ठ नेता और सपा प्रत्याशी डॉ. पल्लवी पटेल ने चारों खाने चित कर दिया। मंझनपुर सीट पर बीजेपी के लालबहादुर दूसरे स्थान पर रहे। चायल में भाजपा ( अपना दल, एस) गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार नागेंद्र पटेल को भी हार का मुंह देखना पड़ा। उन्हें सपा की पूजा पाल ने पटखनी दी। नागेंद्र भी दूसरे स्थान पर ही रहे। यही हाल लोकसभा क्षेत्र में शामिल पड़ोसी जनपद प्रतापगढ़ की बाबागंज और कुंडा सीटों का भी रहा। दोनों सीटें भाजपा बचा नहीं पाई। दो साल पहले हुए विधानसभा चुनाव में मिली इस करारी पराजय के कारण अब सांसद विनोद सोनकर की कुर्सी पर भी सियासी पंडितों को खतरा नजर आने लगा है। सियासी अटकलों पर जाएं तो यहां तक कहा जा रहा है कि भाजपा अबकी विनोद सोनकर का टिकट काट सकती है। अनुसूचित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद उनसे पहले ही छीना जा चुका है।

टिकट की लाइन में कई दावेदार

भाजपा से टिकट कि लाइन में कई नेता लगे हैं। सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) के बारा विधायक वाचस्पति अपनी पत्नी मधुपति के लिए दावेदारी कर रहे हैं। पूर्व सांसद शैलेंद्र पासी को भी प्रबल दावेदार माना जा रहा है। हालांकि, उन्होंने अभी इस बाबत कुछ भी कहने से इन्कार किया है। मंझनपुर के पूर्व विधायक लालबहादुर और पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष रमेश पासी ने भी संभवतः दावा पेश किया है। कुछ अन्य नेता भी टिकट की लालसा रखे हुए हैं।

दिल्ली पहुंच चुका है तीन नामों का पैनल

चर्चा है कि भाजपा की जिला कमेटी और प्रदेश नेतृत्व ने कौशांबी के लिए तीन नामों का पैनल दिल्ली भेज दिया है। राजधानी में मैराथन बैठकों का दौर जारी है। असमंजस की स्थिति होने के कारण ही फिलहाल यहां का टिकट होल्ड पर रखा गया है।

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