12% के आसपास है कौशांबी संसदीय क्षेत्र में मुस्लिम वोटरों की संख्या

19 लाख के लगभग हैं पांच विधानसभा क्षेत्र में कुल वोटर

हिमांशु भट्ट : कौशांबी

अपना दल (कमेरावादी) से गठबंधन के बाद एआईएमआईएम प्रमुख असदउद्दीन ओवैसी की पैनी नजरें कौशांबी संसदीय सीट पर होंगी। बात अलग है की वह सहयोगी दल की नेता और सिराथू विधायक डॉ. पल्लवी पटेल की निगाहों से ही यहां की सियासी रणभूमि को देखेंगे। फिर भी लोकसभा क्षेत्र में रहने वाले मुस्लिम समाज के लगभग सवा दो लाख मतदाताओं को रडार पर लेने का प्रयास उनकी तरफ से भरसक किया जाएगा। सियासत के जानकार इसे सीधे तौर पर सपा के लिए खतरे की घंटी बता रहे हैं।

   कौशांबी लोकसभा क्षेत्र में लगभग 19 लाख मतदाता हैं। इनमें 12% यानी सवा दो लाख के आसपास मुस्लिम वोटर हैं। राजनीति के जानकारों का कहना है कि मुस्लिम वोट बैंक पर अभी तक सपा की तगड़ी पैठ थी। इसी का परिणाम रहा कि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में मोदी लहर के बाद भी जिले की मंझनपुर, सिराथू और चायल सहित तीनों विस सीटों पर साइकिल सरपट दौड़ी। सिराथू में सपा के टिकट पर मैदान में उतरीं अपना दल (क) की नेता पल्लवी पटेल ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य तक को चारों खाने चित कर दिया। चायल में हेलीकाफ्टर से उतरीं पूजा पाल और मंझनपुर में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महाचिव इंद्रजीत सरोज ने जीत दर्ज की। 

अब बात लोकसभा चुनाव की करें तो चायल विधायक पूजा पाल सपा से खफा ही नजर आ रही हैं। सिराथू विधायक डॉ. पल्लवी ने एआईएमआईएम चीफ ओवैसी के साथ मिलकर तीसरे मोर्चे का गठन कर लिया है। यूं, समझें कि सपा के पास जिले में तीन के सापेक्ष एक विधायक इंद्रजीत भर ही बचे हैं। लोस चुनाव की पतवार उन्हीं के हाथ है। सियासतदानों का कहना है कि दो विधायकों की नाराजगी ही सपा के लिए खतरे की घंटी थी। अब सपा के माने जाने वाले मुस्लिम वोटर्स पर ओवैसी की नजर बड़ा खतरा बन गई है। कहा जा रहा है कि ओवैसी ने मुस्लिम वोट पर सेंधमारी की तो सपा को बड़ा नुकसान हो सकता है। उधर, पल्लवी की वजह से पटेल और पूजा की वजह से पाल समाज का वोट भी सपा से कटेगा। दोनों बागी विधायकों ने अपनी बिरादरी के साथ मुस्लिम मत भी तितर बितर किया तो सपा की साइकिल पंक्चर होना भी कोई बड़ी बात नहीं होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *