राष्ट्रीय महाचिव इंद्रजीत के बेटे को टिकट देने पर नाराजगी जताने की जबरदस्त चर्चा

पूर्व चेयरमैन मौला बख्श और पूर्व प्रमुख हरिमोहन यादव सहित कइयों ने की थी मुलाकात

हिमांशु भट्ट : कौशांबी

समर्थकों संग पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात कर खांटी सपा नेताओं ने कौशांबी की सियासी आबोहवा गर्म कर दी है। इस मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। सबसे अहम चर्चा यह है कि नेताओं ने मुलाकात के दौरान राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज के बेटे पुष्पेंद्र सरोज को टिकट दिए जाने का विरोध किया है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर इस बाबत कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
सत्ता दल भाजपा के साथ सपा ने भी अभी तक कौशांबी संसदीय सीट के लिए अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। सियासत के जानकारों की ओर से कहा जा रहा है कि दोनों दल एक दूसरे के प्रत्याशी का मैदान में आने का इंतजार कर रहे हैं। इस बात की भी अटकलें तेज हैं कि दोनों प्रमुख दल एक दूसरे के नेताओं को तोड़ने का प्रयास तक कर रहे हैं। कोई किसी को भी टिकट दे सकता है। बहरहाल, अब बात सपा की करें तो जिला पंचायत सदस्य शायमा देवी के पति जितेंद्र सरोज और पूर्व मंत्री मतेश सोनकर सहित चार नेता अभी तक टिकट की लाइन में हैं। इसी बीच पखवाड़े भर पहले अचानक चर्चा उठी कि राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज के पुत्र पुष्पेंद्र सरोज मैदान में आ सकते हैं। पुत्र के लिए इंद्रजीत ने राष्ट्रीय अध्यक्ष से सिफारिश भी की है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष ने हरी झंडी भी दे दी है। इसी अहम चर्चा के मध्य बीते बुधवार को पांच बार के करारी चेयरमैन मौला बख्श व पूर्व ब्लॉक प्रमुख हरिमोहन यादव सहित कई सपा नेताओं ने समर्थकों संग लखनऊ जाकर राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश से मुलाकात की। इस मुलाकात की तस्वीरें भी इंटरनेट मीडिया में प्रसारित हुई हैं। जानकारों का कहना है कि नेताओं ने राष्ट्रीय अध्यक्ष से राष्ट्रीय महासचिव के बेटे की जगह किसी जुझारू कार्यकर्ता को टिकट देने की मांग की है। फिलहाल राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा है कि जिसे भी मैदान में उतारा जाए, उसे ही जिताकर भेजें।
……………
… तो खांटी सपाइयों के विरोध का सामना करेंगे पुष्पेंद्र

राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत के बेटे पुष्पेंद्र को चुनावी मैदान में उतारने का अभी से ही खांटी सपाइयों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। राजनीति के जानकारों का कहना है कि पुष्पेंद्र को टिकट दिया गया तो सपा दो धड़ों में बंट जाएगी और पार्टी को इसका सीधा नुकसान होगा। क्योंकि, जो सपाई विरोध में हैं, उनका अपना अच्छा खासा वोट बैंक है।
………….
शैलेंद्र पर दांव लगा सकती है भाजपा

सत्ता दल भाजपा में टिकट मांगने वालों की लंबी श्रृंखला है। सियासी गलियारे में इस बात की तगड़ी चर्चा है कि बीजेपी सिटिंग सांसद विनोद सोनकर का टिकट काट सकती है। उनकी जगह जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) से समन्वय स्थापित करके पूर्व सांसद शैलेंद्र कुमार को टिकट दिया जा सकता है। शैलेंद्र मजबूत इसलिए हैं, क्योंकि जनसत्ता दल प्रमुख राजा भैया के काफी नजदीकी हैं। राजा उन्हें भाजपा के सिंबल से लड़वाना भी चाह रहे हैं। संसदीय क्षेत्र की बाबागंज और कुंडा विधानसभा सीट राजा का गढ़ मानी जाती है। ऐसे में शैलेंद्र लड़े तो इन दो विस क्षेत्रों का बड़ा वोट बैंक उनके पास होगा। कौशांबी से पूर्व में सांसद रहे हैं। भाजपा के साथ पासी समाज का भी वोट मिलेगा। इस सूरत में शैलेंद्र से अधिक सशक्त कोई दूसरा प्रत्याशी नहीं होगा।
……….

जितेंद्र के लिए सपाई लामबंद

कौशांबी में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर भाजपा नेत्री कल्पना सोनकर का कब्जा है। उनके खिलाफ मिनी सदन के एक तिहाई से अधिक सदस्यों ने अगस्त 2023 में अविश्वास पेश किया था। तत्कालीन डीएम सुजीत कुमार ने फ्लोर टेस्ट के लिए 19 अगस्त की तारीख तय की थी। इससे पहले 18 अगस्त को सपा की जिला पंचायत सदस्य शायमा के पति जितेंद्र सरोज का प्रशासन ने घर ढहवा दिया था। आरोप है कि यह एक्शन सदस्यों पर दबाव बनाने के लिए सत्ता के इशारे पर लिया गया था। अब इसी एक्शन को खांटी सपाई भुनाने का प्रयास कर कर रहे हैं। कह रहे हैं कि जिसने पार्टी के लिए मकान तक की परवाह नहीं की और मुकदमा झेला, उसे दरकिनार करके परिवारवाद को बढ़ावा देना पार्टी मुखिया और राष्ट्रीय महासचिव के लिए सही नहीं है। कुल मिलाकर जितेंद्र के लिए सपाई लामबंद हैं।
……….

सपा में यह हैं टिकट के अहम दावेदार

जितेंद्र सरोज
मतेश सोनकर
रजनीश पासी
पवन सरोज
पुष्पेंद्र सरोज

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *