-क्रास वोटिंग की जानकारी मिलते ही गरमाई जिले की सियासत
-चायल से दावेदारी करने वाले भाजपाइयों की बढ़ गई है धड़कन
हिमांशु भट्ट। संडे मेल रिपोर्टर

राज्य सभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग कर चायल की सपा विधायक पूजा पाल ने जिले की सियासत गरमा दी है। सपा खेमे में आक्रोश है तो भगवा गलियारे में भी सियासी हलचल बढ़ गई है। खासकर चायल सीट से भाजपा का टिकट मांगने वाले तो हैरान हैं। उन्हें अपनी राजनैतिक तपस्या के भंग होने का खतरा नजर आ रहा है। समाजवादियों का गुस्सा खुलकर सामने आ चुका है। हालांकि, भाजपाई अभी खुद को अनुशासित रखने का पूरा प्रयास कर रहे हैं।

पति की हत्या के बाद शुरू हुआ सियासी सफर

प्रयागराज की शहर पश्चिमी विधानसभा सीट पर वर्ष 2005 के चुनाव में राजू पाल ने कब्जा जमाया था। बसपा के टिकट पर जीतने के कुछ ही दिनों बाद उनकी हत्या हो गई। इसके बाद वर्ष 2007 में उप चुनाव हुआ तो उनकी पत्नी पूजा पाल विजेता घोषित हुईं। यहीं से पूजा के राजनैतिक जीवन की शुरूआत हुई। पूजा ने लगातार दूसरी बार वर्ष 2012 के चुनाव में भी यह सीट जीती। हालांकि, इस जीत के पीछे भी कहीं न कहीं मानवीय संवेदनाएं जुड़ी हुई थीं।

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और वक्त के साथ कमजोर पड़ीं मानवीय संवेदनाएं

वक्त के साथ लोगों की संवेदनाएं पूजा के प्रति कमजोर पड़ीं और वर्ष 2017 के चुनाव में वह प्रयागराज की शहर पश्चिमी सीट पर भाजपा के सिद्धार्थ नाथ सिंह से हार गईं। हार के बाद वर्ष 2022 के चुनाव में पूजा ने सियासी रणभूमि बदल ली। यह चुनाव वह कौशांबी की चायल सीट से सपा के टिकट पर लड़ीं और भाजपा-अपना दल (एस) गठबंधन के उम्मीदवार नागेंद्र पटेल को हराकर विधायक बनीं।

जब अखिलेश ने पूजा के लिए खांटी सपाइयों को किया किनारे

पूजा को सपा प्रमुख अखिलेश यादव का काफी करीबी माना जा रहा था। उन्हें टिकट देने के लिए अखिलेश ने कई खांटी सपाइयों तक को किनारे किया था। इस बीच राज्य सभा चुनाव का बिगुल बजा तो सपा की सिराथू विधायक डा. पल्लवी पटेल की नाराजगी शुरुआती दौर से ही सामने आने लगी। डा. पल्लवी की वोट पर सपाइयों को अंतिम समय तक असमंजस था, लेकिन माना जा रहा था कि पूजा अखिलेश के साथ धोखा नहीं करेंगी। क्रॉस वोटिंग करके अब उन्होंने सभी को चौंका दिया है।

नाराज सपाइयों ने फूंक दिया पुतला

वोटिंग के बाद मंझनपुर में नाराज सपाइयों ने पूजा पाल का पुतला फूंका। वहीं, भाजपाई खेमे में भी गहमा-गहमी देखने को मिली। वर्ष 2027 के चुनाव में भाजपा से टिकट पाने को सियासी तपस्या कर रहे भाजपाई अब अपनी तपस्या भंग होने का खतरा देख रहे हैं। वैसे राजनीति के जानकारों का भी यही कहना है कि पूजा ने पाला बदला तो चायल से दावेदारी करने वाले भाजपाइयोें को जोर का झटका लग सकता है।

ऐसे तो नहीं की होगी क्रॉस वोटिंग

सियासी पंडितों का कहना है कि सपा की चायल विधायक पूजा पाल ने ऐसे ही अपनी पार्टी को धोखा नहीं दिया होगा। जरुर भाजपा से उनका तालमेल बैठा होगा। संभवत: चायल से टिकट दिए जाने की शर्त भी इसकी बड़ी वजह हो सकती है। यही वजह है कि चायल के भाजपाई कुछ ज्यादा ही सकते में हैं।

कब किस दल से लड़ीं पूजा
वर्ष दल
2007 बसपा
2012 बसपा
2017 बसपा
2022 सपा

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