संडे मेल |शान्तनु चैतन्य एग्जीक्यूटिव एडिटर(साउथ एशिया)

जिस साम्राज्य का कभी सूरज अस्त नहीं होता था, जिसने लगभग पूरी दुनिया पर सैकड़ों साल राज किया। दूसरे शब्दों में, गुलाम बनाकर रखा। वहां आर्थिक मंदी के बादल छा गए हैं। दुनिया की छठी बड़ी अर्थव्यवस्था ब्रिटेन में दो तिमाही से जीडीपी में लगातार गिरावट दर्ज की गई है। अक्तूबर से दिसंबर तक 0.3 प्रतिशत जीडीपी गिरी है और इसके पहले जुलाई से सितम्बर में भी हालत पतली रही थी।
अकेले ब्रिटेन का यही हाल नहीं है। यूरोपियन यूनियन के कई देशों में मंदी आती दिख रही है।
इसका असर यह हुआ है कि यूरोपीय देशों में इंपोर्ट का प्रतिशत गिरा है। जिससे तकनीक के मामले में वैश्विक स्तर पर अपना लोहा मनवाने वाला एशियाई देश जापान भी मंदी में आ फंसा है। जापान अब चौथे नंबर पर आ गया है और जर्मनी चौथे से तीसरे नंबर पर पहुंच गया है।
फोर्ब्स मैगजीन के मुताबिक सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका, फिर चीन, तीसरे नंबर पर जर्मनी, चौथे पर जापान और पांचवें स्थान पर भारत है।
यूरोप में मंदी होने से इसका असर एशिया पर दिखने लगा है। यूरोप के देश आयात कम कर रहे हैं। जिससे एशियाई देशों की अर्थव्यवस्था में ग्रोथ में गिरावट दर्ज की जाने लगी है।

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