बालती फॉर्म से भारतीय सेवा को शिफ्ट किए जाने तथा खालिया टॉप में मानव हस्तक्षेप को कम किए जाने की मांग को लेकर ग्राम पंचायतो ने प्रशासन को सौंप गए एक ज्ञापन में चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया है।
मुनस्यारी क्षेत्र के सरर्मोली के जिला पंचायत सदस्य जगत सिंह मार्तोलिया ने ज्ञापन में बलाती फॉर्म और खालिया टॉप में मानव हस्तक्षेप कम किए जाने और सेना को शिफ्ट किए जाने की मांग की है। इस संबंध में 10 अप्रैल को प्रशासन के साथ एक मीटिंग प्रस्तावित है।
मुंसियारी क्षेत्र के मार्तोलिया ने कहा कि यदि 10 अप्रैल की इस बैठक में सम्मानजनक हल नहीं निकलता तो 11 अप्रैल से चुनाव बहिष्कार के लिए अभियान शुरू कर दिया जाएगा।
चीन से लगे इन 25 ग्राम पंचायत के चुनाव बहिष्कार की घोषणा के बाद तहसील प्रशासन हरकत में आ गया है। बहिष्कार से पहले सुलह के लिए प्रशासन ने बैठक बुलाई है। जिसके लिए भारतीय सेना सहित आधा दर्जन विभागों को बुलावा भेजा गया है।
तहसीलदार चंद्रप्रकाश आर्य ने बताया कि जिलाधिकारी के आदेशों के बाद स्थानीय जन प्रतिनिधियों की बैठक 10 अप्रैल को तहसील सभागार में बुलाई गई है। इस बैठक में प्रशासन बीच का कोई रास्ता निकालेगी। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए मुद्दों के प्रति प्रशासन गंभीर है। उनके समाधान के लिए पूर्ण प्रयास किया जाएगा। चीन सीमा से लगी 25 ग्राम पंचायत ने चुनाव बहिष्कार की घोषणा की थी। यह अब तक का सबसे बड़ा चुनाव बहिष्कार है।
जगत मार्तोलिया का कहना है कि बालती फॉर्म तथा खा लिया टॉप में भारतीय सेवा के साथ-साथ बन विभाग, कुमाऊं मंडल विकास निगम, पर्यटन विभाग, उद्यान विभाग, खेल विभाग द्वारा मानव हस्तक्षेप बढ़ाया जा रहा है। भारतीय सेना ने तो पेयजल स्रोतों के पास अपने आवासीय संसाधन बनाकर इस क्षेत्र की जैव विविधता के लिए खतरा पैदा कर दिया है। अल्पाइन हिमालय के अंतर्गत आने वाले इस क्षेत्र में मानव हस्तक्षेप कैसे काम किया जा सकता है। इस बारे में पूर्व की सरकार तथा प्रशासन ने कभी कुछ नहीं सोचा। इसलिए उन्हें चुनाव बहिष्कार का ऐलान करना पड़ा।

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