उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जनपद के चिल्ह थाना क्षेत्र में सिर्फ मकान की नींव देखकर तीन शातिर लाखों में कमाई करते थे. पुलिस ने शातिरों के कब्जे से 25 हजार की नकदी बरामद की. तीनों ने जब कमाई का राज पुलिस को बताया तो वहां पर मौजूद अधिकारी भौंचक रह गए.
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जनपद के चिल्ह थाना क्षेत्र के मठिया गांव में नींव की खुदाई में खजाना निकालने के नाम पर ठगी करने वाले तीन शातिरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. पुलिस ने शातिरों के कब्जे से ठगी के 25 हजार नकद के साथ पीली धातु बरामद बरामद की. नींव की खुदाई में सोने की सिल्ली खजाना होने का लालच देकर ठगी की वारदात को अंजाम देते थे. अपर पुलिस अधीक्षक नितिश सिंह ने यह जानकारी दी.
यूपी के मिर्जापुर जनपद में चिल्ह थाना क्षेत्र के मठिया गांव में नींव की खुदाई में खजाना निकालने के नाम पर ठगी करने वाले तीन शातिरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. मठिया गांव के रहने वाले दिलीप कुमार यादव ने चिल्ह थाने पर तहरीर देकर धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा पंजीकृत कर मामले की जांच की. पुलिस ने तीन आरोपियों जगदीश यादव, चंद्रिका प्रसाद, मोहम्मद उर्फ बुलबुल को गिरफ्तार किया. पूछताछ में तीनों आरोपियों ने बताया, ‘एक गैंग के रूप में हम लोग कार्य करते हैं. घर की नींव की खुदाई में सोने की सिल्ली खजाना होने का लालच देकर डरा-धमकाकर पैसे ठगी करते थे. उनसे जो पैसा एकत्रित होता था उसे पैसे का आपस में बंटवारा कर लेते थे.’
तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर भेजा जेलअपर पुलिस अधीक्षक नगर नितेश सिंह ने बताया, ‘दिलीप यादव अपने मकान का निर्माण करवा रहा था. उन्हीं के रिश्तेदार ने कहा कि आपकी जमीन में खजाना छुपा है जिसको निकालने के लिए अपने साथियों को बुलवाया. साथियों के साथ मिलकर परिवार के लोगों को वशीभूत करके नकली सोने की सिल्लियां छुपा दीं. खुदाई के दौरान नकली सोने की सिल्लियां बरामद हुईं, जिसको घर में रखकर 6 महीने पूजा-पाठ करने का सलाह दी. इसके बदले में 4 लाख 52 हजार रुपये ठग लिए. पुलिस ने पूरे मामले की हकीकत करके तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इनके पास से 25 हजार रूपए नगद और 7 पीली धातु पुलिस ने बरामद किया.
ऐसे खुला राज
दरअसल, दिलीप यादव को झांसा देकर आरोपी साढ़े चार लाख से ज्यादा की रकम ऐंठ चुके थे. शुरुआत में 25 हजार रुपये मांगे, फिर 50 हजार रुपये लिए. 28 मार्च को जब उन्होंने एक लाख रुपये की डिमांड फिर से की तो दिलीप पुलिस स्टेशन पहुंच गया और अपनी आपबीती पुलिस को बताई. पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके जांच की और आरोपियों को गिरफ्तार किया.