प्रयागराज।
यूपी के प्रयागराज में डिजिटल अरेस्ट का पहला मामला सामने आया है। शहर के
जार्जटाउन में एक सेवानिवृत्त अफसर की पत्नी को डिजिटल अरेस्ट कर 1.48 करोड़ की ठगी का केस सामने आया । साइबर थाना पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर तहकीकात तेज कर दी है।

अफसर की पत्नी को डिजिटल अरेस्ट कर 1.48 करोड़ की ठगी

प्रयागराज के जार्जटाउन मोहल्ले में एक अफसर की पत्नी काकोली दासगुप्ता को डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगों ने 1.48 करोड़ की ठगी की है । पीड़िता को ड्रग्स तस्करी का आरोप लगाकर डराया- धमकाया और तीन दिनों तक डिजिटल अरेस्ट किए रखा। इसके बाद आरटीजीएस व अन्य माध्यमों से रकम ट्रांसफर करा ली। साइबर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर एक खाते में भेजे गए 40 लाख रुपये होल्ड करा दिए हैं।
भुक्तभोगी महिला आरएन बनर्जी रोड, जार्जटाउन स्थित घर में अकेली ही रहती हैं। उनके पति केंद्र में अफसर थे। कई साल पहले उनका निधन हो चुका है। भुक्तभोगी ने पुलिस को बताया कि साइबर अपराध के जरिये उनसे कुल 1.48 करोड़ रुपये वसूले गए हैं।

ऐसे हुई डिजिटल अरेस्ट
पीड़िता ने बताया कि एक दिन एक व्यक्ति ने उनसे फोन पर संपर्क किया। खुद को फेडेक्स इंटरनेशनल कूरियर कंपनी का कर्मचारी अब्बी कुमार बताया। उसने कहा कि आपके नाम से एक पार्सल ताइवान भेजा गया है। इसमें 200 ग्राम ड्रग्स, पांच लैपटॉप, तीन क्रेडिट कार्ड आदि सामान शामिल हैं।
पीड़िता ने ऐसा कोई पार्सल को भेजने की बात से इन्कार किया तो कहा कि आपको शिकायत दर्ज करानी होगी।

इसके बाद उनकी कॉल साइबर क्राइम, मुख्य शाखा मुंबई में ट्रांसफर कर दी। इसके बाद एक व्यक्ति से संपर्क हुआ जिसने कुछ ही देर बाद उन्हें वीडियो कॉल पर ले लिया। वह पुलिस यूनिफॉर्म में नजर आया जिसने खुद को डीसीपी क्राइम ब्रांच बताया। साथ ही कहा कि इस मामले की जांच के लिए उनके सारे बैंक खातों की जांच करनी होगी।
इसके बाद वह पहले बात करता रहा और फिर डरा-धमका कर अलग-अलग खातों में रकम भेजने के लिए बाध्य करने लगा। महिला का आरोप है कि इस बीच तीन दिन तक उसने घर पर नजरबंद रखा और डराता धमकाता रहा। पहली कॉल 22 अप्रैल को आई जिसमें उनसे दो बार में 23.30 लाख और 48 लाख रुपये जमा कराए गए। 23 को फिर कॉल आई जिसमें दो बार में क्रमशः 30 व 32 लाख रुपये खाते में भेजने को कहा गया। 24 अप्रैल को तीसरी कॉल आई जिसमें 15 लाख रुपये का ट्रांजक्शन कराया गया।
रकम एसबीआई व यस बैंक के दो खातों में ट्रांसफर कराए गए। शनिवार को विदेश में वैज्ञानिक के पद पर
तैनात भतीजे के साथ भुक्तभोगी महिला कमिश्नरेट पुलिस के अफसरों के पास पहुंचीं और कार्रवाई
की गुहार लगाई। फिलहाल इस मामले में साइबर थाने में कूरियर कंपनी कर्मचारी के खिलाफ रंगदारी
मांगने, आईटी एक्ट समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है। साइबर थाना पुलिस ने एक खाते
में ट्रांसफर कराए गए 40 लाख रुपये
होल्ड भी कराए हैं। साथ ही टीम जांच पड़ताल में जुटी है।
क्या है डिजिटल अरेस्ट

यह साइबर अपराध का नया तरीका है। इसमें साइबर ठग लोगों को झूठे इल्जाम लगाकर ब्लैकमेल करते हैं। जब आप उनकी बातों में फंस जाते हैं तो वह पुलिस के बड़े अधिकारी से बात कराने का झांसा देकर अपने ही गिरोह के किसी अफसर से वीडियो कॉल पर बात कराते हैं। इसके बाद शिकार बनाए गए व्यक्ति को इतना डरा धमका दिया जाता है कि वह घबरा जाए। साथ ही फंसने का डर दिखाकर किसी से संपर्क करने, कॉल करने या घर से बाहर निकलने से भी मना कर दिया जाता है। वह बताता है कि आपका आधार, सिम कार्ड, बैंक अकाउंट किसी गैरकानूनी काम के लिए इस्तेमाल हुआ है। साथ ही अगर उसकी बात नहीं मानी तो आप कानूनी कार्रवाई की जद में आ सकते हैं। इसके बाद वह रुपयों की मांग करता है।

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