आंदोलनकारी किसानों ने पहली रात की तरह दूसरी सर्द रात भी हरियाणा पंजाब के बीच शंभू बॉर्डर पर काटी.

सरकार ने वार्ता का प्रस्ताव भेजा है लेकिन किसान नेताओं का कहना है कि बिना कोई ठोस पहल के वार्ता के नतीजे नहीं निकलेंगे.

पहले दिन की तरह दूसरे दिन सुरक्षा बलों के साथ टकराव जैसी स्थिति नहीं थी.

हालांकि दूसरे दिन भी शंभू बॉर्डर की बैरिकेडिंग तोड़ने की किसानों की तरफ़ से कोशिश हुई लेकिन वे कामयाब नहीं हुए.

इस बीच हरियाणा की ओर तैनात सुरक्षा बलों की ओर से रुक रुक कर आँसू गैस के गोले दागे जाते रहे और किसानों ने इससे बचने के लिए कई तरीक़े अपनाए.

आँसू गैस के गोले गिराने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे एक ड्रोन को किसानों ने पतंग में फंसा कर गिरा दिया.

इस बीच किसान नेताओं ने स्पष्ट किया कि बुधवार को केंद्र के किसी मंत्री के साथ बैठक नहीं हुई है, केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक गुरुवार को होनी है.

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि अब गुरुवार शाम को केंद्र सरकार के प्रतिनिधिमंडल के साथ अगली वार्ता होगी.

न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी के लिए क़ानून बनाने और स्वामीनाथन आयोग की सभी सिफ़ारिशों को लागू करने की मांग को लेकर पंजाब के किसानों के जत्थों ने 13 फ़रवरी को ‘दिल्ली चलो’ का आह्वान किया था.

शंभु बार्डर पर कैसा है हाल ..

शंभू बॉर्डर पर पंजाब की ओर ट्रैक्टर ट्रॉलियों की कई किलोमीटर लंबी क़तार दिख रही है, जिसमें किसान दिल्ली कूच का इंतज़ार कर रहे हैं.

दूसरे दिन, बुधवार को लोगों और ट्रॉलियों की संख्या बढ़ी दिखाई दी क्योंकि सुबह ट्रैक्टरों और ट्रॉलियों की क़तार और लंबी दिखी.

सुरक्षा बलों की तरफ़ से दूसरे दिन भी रुक रुक कर आंसू गैस के गोले दागे जा रहे थे और पहले दिन की तरह आंसू गैस के गोले ड्रोन से गिराए गए.

हरियाणा पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए हैं.

हालांकि आंसू गैस से बचने के लिए किसान पहले से अधिक सतर्क दिखाई दिए. उन्होंने पानी का टैंकर रखा हुआ है, जिससे वो रूमाल गीले कर चेहरे पर बांध रहे हैं.

इसके अलावा कई किसानों ने अपने चेहरे पर मुल्तानी मिट्टी लगा ली है, जिससे त्वचा पर आंसू गैस का असर कम हो.

किसान नमक भी रखे हुए हैं क्योंकि जब गैस का असर होता है तो घबराहट होती है और ब्लड प्रेशर गिरता है. ऐसे में वे नमक का सेवन कर लेते हैं.

ज़्यादातर किसानों के हाथों में गीली बोरियां हैं और जैसे ही आंसू का गोला गिरता है वे उस पर गीली बोरी डाल देते हैं जिससे उसका धुआं वहीं ख़त्म हो जाता है.

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