राहत राशि की हकदारी हेतु अब मजिस्ट्रीयल जांच रिपोर्ट की आवश्यकता नही

डीएम को दुर्घटना राहत निधि हेतु 50 लाख आवंटित

देहरादून। राज्य में दुर्घटना राहत निधि में देरी के मामलों को गम्भीरता से लेते हुए मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सार्वजनिक सेवायान की दुर्घटना के मामलों में प्रभावितों को राहत राशि तत्काल जारी करने के निर्देश हैं। कहा कि राहत राशि की हकदारी हेतु अब मजिस्ट्रीयल जांच रिपोर्ट की आवश्यकता नही है।जिलाधिकारियों को दुर्घटना राहत निधि हेतु 50 लाख रूपये की धनराशि आवंटित है। साथ ही उन्होंने राज्य में विशेषकर देहरादून व हरिद्वार जिलों में अवैध खनन गतिविधियों से सम्बन्धित सड़क दुर्घटनाओं एवं अपराधों पर कड़ी निगरानी के निर्देश दिए हैं।
क्रैश बैरियर लगाने की औपचारिकतों से हटकर उनकी गुणवत्ता को शीर्ष प्राथमिकता पर लेने की कड़ी हिदायत देते हुए मुख्य सचिव ने अधिकारियों को क्रैश बैरियर की गुणवत्ता की थर्ड पार्टी ऑडिट के कड़े निर्देश दिए हैं।
सीएस ने जिलाधिकारियों को निर्धारित डेडलाइन के भीतर अधिक दुर्घटना वाले स्थानों की मैपिंग करने के साथ ही इन स्थानों पर स्पीड ब्रेकर, क्रैश बैरियर आदि सुधारात्मक कदम के एक्शन प्लान पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
सचिवालय में गुरूवार को सड़क सुरक्षा एवं अनुश्रवण समिति की अति महत्वपूर्ण बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने परिवहन, लोक निर्माण, वित्त एवं सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को उत्तराखण्ड को जीरो एक्सीडेंट स्टेट बनाने के विजन के साथ कार्य करने के नसीहत दी है।
परिवहन विभाग द्वारा थानों व चौकियों पर वाहनों को बन्द करने के मामलों का संज्ञान लेते हुए सीएस श्रीमती रतूड़ी ने स्पष्ट किया कि सम्बन्धित अधिकारी तत्काल विभिन्न थाना चौकियों में बन्द वाहनों को प्रत्येक जनपद में शहर के नजदीक स्थान चिन्हित करते हुए एक साथ रखने की व्यवस्था करें। उन्होंने जिलाधिकारियों को जनपदों में इस सम्बन्ध में भूमि चिन्हीकरण/हस्तान्तरण हेतु निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने लोक निर्माण विभाग को प्रोफेशनल एजेंसी के माध्यम से नियमित रोड सेफटी ऑडिट करवाने के साथ ही परिवहन विभाग को ऑनलाइन चालान व्यवस्था को मजबूत करने, दोपहिया वाहनों में हेलमेट के उपयोग को प्रोत्साहित करने हेतु अभियान चलाने, शिक्षा विभाग को पाठ्यक्रम में सड़क दुर्घटनाओं के सम्बन्ध में जागरूकता को शामिल करने, गुड समेरिटन योजना को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में सचिव दिलीप जावलकर, अरविन्द सिंह हयांकी, डा0 पंकज कुमार पाण्डेय सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी मौजूद रहे।

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