प्रयागराज :23 जून 2024: अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष में जीवन ज्योति हॉस्पिटल में 23 जून रविवार को आमजन, मरीज़ व परिजनों व हॉस्पिटल के कर्मचारियों के लिए विशेष योग सत्र का आयोजन किया गया जिसमे डॉ० वन्दना बंसल निदेशक जीवन ज्योति हॉस्पिटल व प्रसिद्ध आई०वी०एफ० विशेषज्ञा के कुशल निर्देशन में योग व मैडिटेशन इंस्ट्रक्टर व पतंजलि योग समिति महिला शाखा की जिला प्रभारी शुभम सिंह ने योग के द्वारा कैसे मन मस्तिष्क व शरीर को स्वस्थ्य रखा जा सके इस पर कई महत्वपूर्ण सूत्र साझा किये व दिमाग को तनावमुक्त करने के लिए कुछ प्राणायाम करवाया। इस अवसर पर इंटरवेंशनल रेडियोलाजिस्ट डॉ हर्षित बंसल , वरिष्ट कंसल्टेंट्स डॉ अलोक खरे , डॉ अजय गोपाल, डॉ मुहम्मद अख्तर अंसारी , मेडिकल सुपरिन्टेन्डेन्ट डॉ मूल नारायण वर्मा , डॉ अंजुला सहाय ने भी शरीर को स्वस्थ्य रखने में योग की भूमिका पर प्रकाश डाला। डॉ मूल नारायण वर्मा ने योगाचार्य शुभम सिंह के कार्यों के बारे में बताया।
इस अवसर पर डॉ वंदना बंसल ने कहा कि योग भारत की देंन है परन्तु इसके महत्व को लोगों ने तब समझा जब यह विदेशों में प्रचलित हुआ यह एक स्वस्थ्य जीवन जीने की कला है। यह हमारे देश के लिए बहुत ही गौरवपूर्ण बात है कि अब हम अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस को एक पर्व की तरह मनाते हैं। योग सिर्फ आसन नहीं है, यह जीवनशैली है। इसमें आहार विचार सब समाहित है। यह हमको अनुशासित करता है। योग भाषा , संस्कृति व धर्म से परे है। योग हमको सकारात्मक बनाता है। हमारे अंदर असीम ऊर्जा का संचार करता है जिससे हम सही मायने में अपने अंदर की शक्तियों का उपयोग कर सकते हैं। दुनिया भर में हर सफल व्यक्ति ने जीवन में योग को अपनाया है।
इस अवसर पर शुभम सिंह ने कहा कि हर व्यक्ति को नियमित रूप से योग व प्राणायाम करना चाहिए। योग की शक्ति को आज पूरी दुनिया मानती है। उन्होंने कंप्यूटर पर बहुत लम्बे समय तक काम करने वाले लोगों के लिए कुछ बहुत ही सरल व असरदार आसान करवाए। उन्होने सबको सूर्योदय के समय उठने के लिए प्रेरित किया। उन्होने कहा कि यदि हम अपनी दिनचर्या प्रकृति के अनुसार कर लें तो हम कई बीमारियों से बच सकते हैं। हमको हर रोज़ एक अच्छे सकारात्मक विचार के साथ योग करना चाहिए व साथ ही शरीर को उचित आराम भी देना चाहिए। इसी के साथ ही खान पान पर भी उचित ध्यान देना चाहिए। हमे ज़्यादा मोटा अनाज ग्रहण करना है। योग दिवस सिर्फ एक दिन नहीं बल्कि पूरे वर्ष हमे मनाना होगा।