देहरादून.उत्तराखंड के अवकाश प्राप्त पुलिस महानिरीक्षक अशोक कुमार को मोतीलाल नेहरू स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का वाइस चांसलर नियुक्त किया गया है.पूर्व डीजीपी अशोक ऑल इंडिया पुलिस बैडमिंटन टूर्नामेंट के चैंपियन रह चुके हैं। अशोक अग्रवाल की बेटी कुहू अग्रवाल ने भी बैडमिंटन में कई इंटरनेशनल अवार्ड जीते हैं।

उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी यानी पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार को हरियाणा खेल विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया है. अभी तक उन्होंने खाकी वर्दी पहनकर अपनी सेवाएं दीं. अब अशोक कुमार खेल के क्षेत्र में खिलाड़ियों को तराशने का काम करेंगे. वहीं, पूर्व आईपीएस अशोक कुमार ने हरियाणा खेल विश्वविद्यालय का कुलपति बनाने पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का आभार जताया है.

बता दें कि अशोक कुमार साल 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. उन्होंने करीब 34 सालों तक खाकी वर्दी पहनकर देश की सेवा की. बीती 30 नवंबर 2023 को अशोक कुमार उत्तराखंड डीजीपी के पद से रिटायर हुए. इससे पहले साल 2020 में आईपीएस अशोक कुमार ने बतौर उत्तराखंड डीजीपी की कमान संभाली थी. उस वक्त कोरोना महामारी का प्रकोप चल रहा था.

वहीं, बतौर डीजीपी अशोक कुमार ने उत्तराखंड में कानून व्यवस्था को लेकर कई अहम काम किए. साथ ही आम जनता की समस्याओं को दूर करने का प्रयास किया. उन्होंने पुलिस की छवि बेहतर बनाने में भी अहम भूमिका निभाई. यह वजह थी कि उनकी छवि बेहतर पुलिसिंग के जानी जाती रही. उनके कार्यकाल के दौरान हरिद्वार महाकुंभ, कांवड़ यात्रा और चारधाम यात्राएं चली. जिसमें पुलिस की कड़ी परीक्षा हुई, लेकिन उनके कमान में बेहतरीन पुलिसिंग देखने को मिली.

इसके अलावा इसके अशोक कुमार ने ऑपरेशन स्माइल, ऑपरेशन प्रहार, ऑपरेशन मर्यादा, ड्रग्स फ्री देवभूमि जैसे समाज के लिए कई अहम अभियान भी चलाए. उन्होंने ‘खाकी में इंसान’ पुस्तक भी लिखी. जिसके जरिए पुलिस के दर्द को उकेरने के साथ ही चुनौतियों को भी सामने रखा. वहीं, अशोक कुमार ने साइबर क्राइम पर लगाम लगाने के लिए भी प्रयास किए. बता दें कि अशोक कुमार मूल रूप से हरियाणा के ही रहने वाले हैं.

हरियाणा स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का कुलपति बनने के बाद क्या बोले अशोक कुमार: हरियाणा खेल विश्वविद्यालय के कुलपति नियुक्त किए जाने पर अशोक कुमार ने एक्स पर एक पोस्ट साझा किया है. जिसमें उन्होंने लिखा है कि ‘बतौर आईपीएस अधिकारी 34 वर्षों से अधिक समय तक देश और समाज की सेवा की. अब हरियाणा स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के कुलपति के रूप में एक नयी यात्रा शुरू करने जा रहा हूं. किशोरावस्था से ही खेल मेरे जीवन का अभिन्न अंग रहा है, मैं इस भूमिका के लिए अपना अधिकतम समर्पण और आप सभी के सहयोग से स्पोर्ट्स को एक नए आयाम तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध रहूंगा

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