D.Singh @sundaymail.in

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के समीक्षा अधिकारी/ सहायक समीक्षा अधिकारी प्रारंभिक परीक्षा के कथित पेपर लीक मामले में अब आंदोलन छात्रों के हाथ से फिसलकर सियासी दलों के बीच पहुंच गया है। सियासी दलों और उनके छात्र संगठनों ने इसे हाइजैक कर लिया है। प्रदर्शन कर रहे कुछ छात्रों के अति उत्साह से यह आंदोलन अब बिखरने की तरफ बढ़ रहा है।

ऐसे हाथ से फिसला छात्रों का आंदोलन

26 फरवरी को प्रदर्शन कर रहे है छात्रों के एक समूह ने आंदोलन को विस्तार देने के लिए कोचिंग संस्थानों और प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़े सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स को भी इसमें एंट्री दे दी । सोशल मीडिया में इसकी खबर जिला प्रशासन तक पहुंची जिसके बाद पुलिस प्रशासन की तरफ से लोक सेवा आयोग उत्तर प्रदेश के कार्यालय के चारों तरफ भारी पुलिस फोर्स तैनात कर इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया । दिल्ली और लखनऊ से कुछ कर प्रयागराज पहुंचे कोचिंग संस्थानों के मठाधीशों और प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़े सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स ने इसे और हवा दे दी। नतीजा चेहरा की यह छात्र आंदोलन लोक सेवा आयोग परिसर से बाहर छिटक कर सिविल लाइंस के कई इलाकों में फैल गया। सियासी दलों ने भी मौके पर चौका जड़ दिया और आम आदमी पार्टी ने इस पूरे आंदोलन में खुलकर अपनी भागीदारी देनी शुरू कर दी। धरना प्रदर्शन स्थल पर आम आदमी पार्टी के पदाधिकारी और सदस्यों ने छात्र आंदोलन में सीधे सीधे दखलंदाजी करते हुए इसे सियासी रंग देने के लिए
जमकर प्रदर्शन शुरू कर दिया । मौके की फिराक में ताक लगाए बैठे वामपंथी छात्र संगठन भी कहां पीछे रहने वाले थे लिहाजा लेफ्टिस्ट छात्र संगठन ने इसे अपने कब्जे में कर लिया। प्रतियोगी छात्रों की आवाज पर आंदोलन में दिशा की डफली भारी पड़ गई । और इसके बाद वही हुआ जिसका डर इस आंदोलन को था।

पुलिस और छात्रों के बीच जगह जगह झड़प

दिल्ली और लखनऊ की कोचिंग संस्थानों के मठाधीशों के आवाहन पर प्रयागराज में सोमवार को छात्र महाकुंभ का आयोजन का ऐलान हुआ । सोशल मीडिया में छात्रों ने इतना प्रोपेगेंडा कर दिया कि प्रदर्शनकारी छात्रों से पहले आयोग में पुलिस का कड़ा पहरा बैठा दिया गया। लेकिन दिल्ली और लखनऊ सहायक कोचिंग संस्थानों और उनके समर्थक कुछ छात्रों ने अपनी मौजूदगी दिखाने के लिए सिविल लाइंस के धरना प्रदर्शन स्थल में हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस प्रशासन का कहना है कि जब लोक सेवा आयोग उत्तर प्रदेश में 27 फरवरी तक परीक्षार्थियों को गठित पेपर लीक मामले के सबूत देने का समय दे रखा है तब उसे समय सीमा के पहले इस तरह कानून व्यवस्था को हाथ में लेने की कोशिश करना जायज नहीं है। प्रयागराज के बाहर से आए परीक्षार्थियों के इन कथित हितैषियों ने सिविल लाइंस में जगह-जगह हंगामा करना शुरू कर दिया जिसके बाद पुलिस ने ऐतियातन दो दर्जन के आसपास हंगामा कर रहे छात्रों को हिरासत में ले लिया। यह बाहरी तत्व लगातार पुलिस को उकसाते रहे बावजूद उसके पुलिस ने शासन की मंशा के अनुरूप पूरी शांति और संयम बनाए रखा ।
कोचिंग संस्थानों और सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स क्यों जुड़ रहे हैं इस छात्र आंदोलन में
इस छात्र आंदोलन को उसे समय सोशल मीडिया में बड़ा स्पेस मिला जब 3 दिन पहले समीक्षा अधिकारी सहायक समीक्षा अधिकारी के परीक्षार्थियों ने लोक सेवा आयोग उत्तर प्रदेश के मुख्य गेट पर छात्र महापंचायत का आयोजन किया। आयोजन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा जिसे मीडिया ने भी पूरा स्पेस दिया। सोशल मीडिया में इस छात्र महा पंचायत की इतनी चर्चा हुई की दिल्ली और लखनऊ के कोचिंग संस्थानों के मठाधीश और प्रतियोगी परीक्षाओं की टिप्स देने वाले सोशल मीडिया मोटिवेशनल प्लेटफार्म के ठेकेदारों ने भी इसमें अपना अपना हित तलाशना शुरू कर दिया । इन बाहरी तत्वों को छात्रों के इस आंदोलन में अपना सब्सक्राइबर बेस नजर आने लगा लिहाजा वो भी अपने हितों की रोटी सेंकने प्रयागराज में काबिज हो गए ।

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