साइबर अटैक के मामलों में भारत विश्व का तीसरा सबसे प्रभावित देश: पद्मश्री आईपीएस (सेवानिवृत) प्रकाश सिंह
साइबर क्राइम में सबसे गंभीर चुनौती है ए आई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का गलत इस्तेमाल है : साइबर क्राइम एक्सपर्ट् आईपीएस (सेवानिवृत) अधिकारी प्रोफेसर त्रिवेणी सिंह ‘साइबर कॉप’

इलाहाबाद विश्वविद्यालय पुरा छात्र संगठन (अउआ) के प्रसिद्ध संवाद कार्यक्रम में देश के दो बहुत ही प्रसिद्ध पूर्व आईपीएस अधिकारी व साइबर क्राइम एक्सपर्ट् पद्मश्री प्रकाश सिंह व प्रोफेसर त्रिवेणी सिंह ‘साइबर कॉप’ ने लोगों को बढ़ते हुए साइबर क्राइम के मामलों के बारे में आगाह किया व साइबर क्राइम में नयी चुनातियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बता दें यह दोनों ही अधिकारी उच्च पदों पर आसीन रहें हैं व अपनी अनूठी कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं। अउआ के संवाद वेबिनार में इलाहाबाद विश्वविद्यालय पुरा छात्र जो की कई उच्च पदों पर आसीन है नियमित रूप से विभिन्न विषयों पर चर्चा करते हैं व अन्य छात्रों को उचित मार्गदर्शन भी देते हैं। इसी क्रम में रविवार 21 जुलाई की शाम को ‘साइबर क्राइम प्रिवेंशन एंड रेमेडीज’ पर वेबिनार आयोजित किया गया जिसमे बड़ी संख्या में छात्र व विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाले प्रोफेशनल्स ने भी भाग लिया। अउआ के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सेवानिवृत आई ए एस अधिकारी एस के सिंह व अउआ के संस्थापक सचिव नवीन चंद्रा ने कार्यक्रम का सुचारु रूप से संचालन किया।
वेबिनार का उद्द्घाटन करते हुए पद्मश्री आईपीएस (सेवानिवृत) प्रकाश सिंह ने कहा की विभिन्न आंकड़े दर्शाते हैं की साइबर अटैक के मामलों में भारत विश्व का तीसरा सबसे प्रभावित देश है जो की बहुत ही गंभीर चुनौती है। ऐसा पाया गया है की भारत में हर दिन लगभग 4000 साइबर अटैक के मामले होते हैं। यह मामले बहुत ही तेजी से बढ़ रहें हैं। प्रसिद्ध व्यवसायी वॉरेन बफेट के अनुसार इस समय साइबर अपराध न्यूक्लियर हथियारों से भी बड़ी चुनौती है। इन मामलों से निपटने के लिए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) की स्थापना गृह मंत्रालय ने किया है। पर हमको इस समय जरुरत है ऐसे प्रोफेशनल्स की जो की तकनीकी रूप से सक्षम हों ऐसे मामलों से निपटने के लिए। वैसे पुलिस विभाग नियमित रूप से इस क्षेत्र में अधिकारीयों व उनके अधीनस्थ कर्मचारियों को ट्रेनिंग देता है। पर यह प्रयाप्त नहीं है क्यूंकि साइबर अपराधी नित नयी तकनीक का प्रयोग कर रहें हैं लोगों की निजी व बैंक आदि की चुराने के लिए। इसीलिए हम भारत सरकार को प्रस्ताव देना चाहते हैं की आई आई टी जैसे उच्च तकनीकी संस्थानों से छात्रों को पुलिस विभाग चयनित करे व उनकी योग्यता का उपयोग करके ऐसे मामलों से निपटे।
साइबर क्राइम एक्सपर्ट् आईपीएस (सेवानिवृत) अधिकारी प्रोफेसर त्रिवेणी सिंह जो की मशहूर हैं ‘साइबर कॉप’ के नाम से ने बताया की साइबर क्राइम में इस समय सबसे गंभीर चुनौती है ए आई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का गलत इस्तेमाल। किसी की भी निजी जानकारी कंप्यूटर से निकाल लेना या चोरी कर लेना भी साइबर अपराध है। साइबर अपराध भी कई प्रकार से किये जाते है जैसे कि जानकारी चोरी करना, जानकारी मिटाना, जानकारी मे फेर बदल करना, किसी कि जानकारी को किसी और को देना या कंप्यूटर के भागो को चोरी करना या नष्ट करना। किसी की भी निजी जानकारी उनके स्मार्ट मोबाइल फ़ोन या कंप्यूटर से निकाल लेना या चोरी कर लेना भी साइबर अपराध है। इस समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का गलत उपयोग साइबर अपराध में सबसे बड़ी चुनौती के रूप में आया है। किसी जान पहचान व्यक्ति से ऑनलाइन वार्ता करते हुए भी हमको सावधान रहना है की कईं वह ए आई द्वारा रचा हुआ डीप फेक तो नहीं है। इसीलिए किसी भी अनजान ऑनलाइन लिंक पर क्लिक करने से पहले कई बार विचार करें।
कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों नै अधिकारीयों से साइबर अपराध को लेकर कई प्रश्न भी किये। सचिव नवीन चंद्रा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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