डॉ० पल्लवी पटेल ने कहा कि डॉ० सोनेलाल पटेल के नाम पर राजनीति कर अनुप्रिया पटेल सत्ता की मलाई काट रहीं हैं। डॉ. सोनेलाल पटेल के परिवार का एक हिस्सा दस वर्षों में एक बार भी संदिग्ध परिस्थितियों में हुई हत्या की जांच करने के लिए एक पत्र तक भी भारत सरकार को नहीं लिखा और अपने को डॉ. पटेल का उत्तराधिकारी बताता है।
अपना दल के संस्थापक डॉक्टर सोनेलाल पटेल का 17 अक्टूबर 2009 को एक सड़क दुर्घटना में देहांत हो गया था। कन्नौज जिले के ग्राम बुगलयी में सोनेलाल पटेल का एक किसान परिवार में दो जुलाई 1950 को जन्म हुआ था। उन्होंने अपने जीवन में किसानों, गरीबों व कमेरा समाज के उत्थान के लिए हमेशा संघर्ष किया। इस बीच उन्होंने 4 नवंबर 1995 को पार्टी का गठन किया था। हालांकि, इनके द्वारा बनाई गई पार्टी अब दो गुटों में चल रही है। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की अदावत बहन पल्लवी पटेल से हैं, जिसके चलते अपना दल के दो गुटों में बंट गई है और एक दूसरे पर हमलावर भी रहती हैं।
सोनेलाल पटेल ने नाम पर मलाई काट रहीं हैं अनुप्रिया- पल्लवी
डॉ० पल्लवी पटेल ने कहा कि डॉ० सोनेलाल पटेल के नाम पर राजनीति कर अनुप्रिया पटेल सत्ता की मलाई काट रहीं हैं। डॉ. सोनेलाल पटेल के परिवार का एक हिस्सा दस वर्षों में एक बार भी संदिग्ध परिस्थितियों में हुई हत्या की जांच करने के लिए एक पत्र तक भी भारत सरकार को नहीं लिखा और अपने को डॉ. पटेल का उत्तराधिकारी बताता है। पल्लवी पटेल ने अपना दल के संस्थापक डॉ सोनेलाल पटेल की हत्या की सी.बी.आई. जांच कराने, राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल को (Z) जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है।
पल्लवी पटेल कई सालों से कर रहीं मांग
गौरतलब है कि एक पार्टी की कमान अनुप्रिया पटेल और उनके पति आशीष पटेल के हाथों में है तो दूसरे की कमान मां कृष्णा पटेल और पल्लवी पटेल के हाथ में है। ऐसे पिछले कई सालों से पल्लवी अपने पिता की मौत की CBI जांच करवाना चाहती हैं। इसको लेकर उन्होंने रविवार को लालबाग स्थित पार्टी कार्यालय से पैदल मार्च किया। हालांकि वो राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को ज्ञापन देने जा रही थी लेकिन वो लखनऊ में नहीं थीं इसलिए डॉक्टर भीम राव आंबेडकर की प्रतिमा पर पहुंचकर ACP हजरतगंज को ज्ञापन दिया।
अनुप्रिया पटेल के खिलाफ बोला हमला
आरोप है कि 1999 में तत्कालीन भाजपा सरकार की शह पर प्रयागराज के पीडी टंडन पार्क में जनसभा के दौरान पति पर प्राणघातक हमला कराया गया। 2009 में साजिश के तहत उनकी हत्या करा दी गई। सिराथू विधायक पल्लवी पटेल ने कहा कि सोनेलाल के नाम पर कुछ लोग खुद को उत्तराधिकारी बताकर सत्ता की मलाई काट रहे हैं, लेकिन उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में हुई हत्या की जांच कराने के लिए सदन में आवाज नहीं उठाई। यहां तक अनुप्रिया पटेल ने एक बार भी केंद्र सरकार को पत्र तक नहीं लिखा है।