लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शनके बाद यूपी उपचुनाव की तैयारियों में जुट बीजेपी अब अपने नाराज कार्यकर्ताओं को बड़ा तोहफा देने जा रही है. बीजेपी शहरी निकायों में 2805 कार्यकर्ताओं को मनोनीत करने जा रही है.

बीजेपी ने बड़े पैमाने पर पर कार्यकर्ताओं को शहरी निकाय में मनोनीत करने की योजना बनाई हैपूरे प्रदेश में कुल 2805 कार्यकर्ताओं को शहरी निकायों में पार्षद और सभासद के तौर पर मनोनीत किया जाएगा

लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद यूपी बीजेपी और योगी सरकार परिणामों की समीक्षा में जुटी है. यूपी में 62 से घटकर 33 सीटों पर सिमटी बीजेपी की हार के पीछे की एक वजह कार्यकर्ताओं की नारजगी भी मानी जा रही है. अब यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. ऐसे में पार्टी नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने की कवायद में जुट गई है. इसके लिए बड़े पैमाने पर पर कार्यकर्ताओं को शहरी निकाय में मनोनीत करने की योजना बनाई गई है. साथ ही कहा गया है कि उन कार्यकर्ताओं का नाम भेजा जाए जो जमीन से जुड़े हैं न कि किसी जनप्रतिनिधि या पदाधिकारी की सिफारिश वाले नाम.

जानकारी के मुताबिक कुल 2805 कार्यकर्ताओं को शहरी निकायों में पार्षद और सभासद के रूप में मनोनीत किया जाएगा. इसके लिए यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह ने क्षेत्रीय अध्यक्षों और प्रभारियों से लखनऊ में मुलाक़ात कर निर्देश दिए हैं. साथ ही जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनको लेकर भी ख़ास रणनीति पर चर्चा की गई. क्षेत्रीय अध्यक्षों और प्रभारियों को ही मनोनीत होने वाले पार्षदों के नामों का चयन करना है. खासकर ऐसे कार्यकर्ताओं के नामों को भेजना है जो जमीन से जुड़े हों. साथी ही जातीय समीकरण का भी खास ख्याल रखना है.

मनोनीत होने वाले कार्यकर्ताओं का फार्मूला 
यूपी में 17 नगर निगम है. हर नगर निगम में 10-10 पार्षदों का मनोनयन होगा. इस लिहाज से यह संख्या 170 हुई. इसी तरह प्रदेश में नगर पालिकाओं की संख्या 200 है, इनमें 5-5 सभासद मनोनीत होंगे. यानी यह संख्या 1000 हुई. नगर पंचायतों की संख्या 545 हैं, इनमें 3-3  सभासद मनोनीत होंगे. इनकी संख्या 1635 होगी. इस तरह कुल 2805 पार्षदों और सभासदों को मनोनीत किया जाएगा.

गन्ना समितियों के चुनाव की तैयारियों पर भी चर्चा

17 नगर निगमों में 170 पार्षद व 200 नगर पालिकाओं में 1,000 सभासद और 545 पंचायतों में 1635 सदस्यों को नामित किया जाना है। वहीं, प्रदेश में जल्द ही होने वाले गन्ना समितियों के चुनाव की तैयारियों पर भी चर्चा की गई। क्षेत्रीय अध्यक्षों व प्रभारियों से गन्ना समितियों के सभापति के लिए नाम मांगे गए हैं। सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर ने इसे लेकर अलग से बैठक की

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