लखनऊ. सन्डे मेल टाई लगाकर, सूट बूट के साथ प्रवचन देने वाला बाबा विश्व हरि उर्फ एसपी सिंह कभी दरोगा था. हाथरस में इसी बाबा के पैरों की धूल लेने के लिए कुछ लोग दौड़े. भगदड़ मच गई. 134 से ज्यादा बच्चे, महिलाएं और पुरुषों की मौत हो गई. सैकड़ों लोग जख्मी हैं. हाथरस और एटा के साथ आस-पास के जिलों में डाक्टरों की टीम लाशों का पोस्ट मार्टम करने के लिए लगाई गई है. लाशों का ढेर देकर एक सिपाही रवि यादव की हार्ट अटैक से मौत हो गई.
18 जून से हाथरस के मुगल गढ़ी के पास बाबा विश्व हरि के सत्संग की तैयारी थी. 2 जुलाई को 60 हजार से ज्यादा लोग जुटे. प्रवचन हुआ. आरती हुई. यूपी, राजस्थान, उत्तराखंड से आये हजारों लोग बाबा की दीवानगी में लोग बाबा की तरफ ही बढ़ रहे थे. बाबा लौटने लगा, कार में चढकर. बाबा के पैर छूने और चरण रज लेने के लिए कुछ लोग दौड़े. बाबा के चेलों ने भक्तों का रास्ता रोक लिया. बाबा की सुरक्षा में लगे लोगों ने वहाँ मौजूद लोगों को पीछे धकेला. इसी बीच धक्का मुक्की में कुछ लोग गिरे. फिर बचने के लिए इधर उधर भागे. हालात भयानक हो गए. जैसे 2012 के कुम्भ में भगदड़ हुई. उससे कहीं अधिक भयंकर हालात पैदा हो गए. दरोगा रहा बाबा लोगों को एक दूसरे पर गिरा पड़ा छोड़कर निकल गया. लौटकर भी पीछे नहीं देखा. लोग दब गए. कुचल गए. हड्डी पसली टूट गए. हजारों लोग दबे हुए पड़े रहे. बेहोश, बेसुध. कोई नाले में गिरा तो कोई उसके ऊपर. 5 घण्टे बाद लाशों की गिनती शुरू हुई. 134 लोगों की लाशें रात 8 बजे तक गिन ली गई. अभी और लोगों की जिंदगी दांव पर है. जख्मी लोग हास्पिटलों में हैं.
बाबा फरार हो गया. आयोजन की इजाजत देने वाला एसडीएम मौके पर गया था या नहीं? इसकी जाँच के लिए अब पूरी सरकार अब हाथरस की तरफ दौड़ पड़ी है. शोक संवेदनाओं का सिलसिला शुरू है. मुआवजा बट रहा है. हे राम! मृतकों के परिजनों को सन्डे मेल की शोक संवेदनाएं. मुर्दा व्यवस्थाओं को लानत.