• मंच पर अपनी कुर्सी के बगल बुलाया और पूछा रैली में तुम्हारे लोग आये हैं?
  • रैली वाले दिन ही अखिल भारतीय कुर्मी महासंघ ने जारी की सपा के पटेल प्रत्याशी के लिए अपील
  • हालात सम्भालने आये भाजपा केप्रदेश संगठन महामन्त्री धर्मपाल
  • 19 को मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ के आने की तैयारी

प्रतापगढ़, सन्डे मेल ब्यूरो
16 मई को प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के एक सवाल ने पूर्वांचल की सियासत में सनसनी मचा दी है. प्रतापगढ़ की रैली में प्रधान मन्त्री नरेंद्र मोदी ने सहयोगी अपना दल (एस) की नेता और केन्दीय मन्त्री
अनुप्रिया पटेल को अपनी बगल की कुर्सी पर बुलाकर पूछ लिया कि तुम्हारे लोग आये हैं…(इशारा रैली की भीड़ की तरफ था) यह सवाल सामान्य जानकारी वाला था या संदेह- सवाल पैदा करने वाला? यह तो प्रधान मन्त्री ही जानें मगर अनु प्रिया पटेल बेचैन हो गई. सकपकाते हुए बोलीं… जी…हमारे झण्डे… विधायक सब हैं. तब तक उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भाषण खत्म करके अपनी सीट की तरफ लौटे तो अनुप्रिया फिर अपनी जगह लौट गईं. ध्यान रहे संगम लाल गुप्ता के नामांकन वाले दिन उप मुख्य मन्त्री केशव प्रसाद मौर्य खुले मंच से भीतरघात करने वालों की लिस्ट बनाने का काम कार्य कर्ताओं को दे गए थे. भाजपा संगम लाल गुप्ता की सीट को बड़ी लीड के साथ जीतने की हर कवायद में लगी है.
पूर्वांचल की राजनीति में रोज नए गुल खिल रहे हैं.
प्रतापगढ़ में भाजपा प्रत्याशी संगम लाल गुप्ता के समर्थन में 16 मई को बड़ी रैली हुई. खूब भीड़ जुटी. जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कनेक्ट भी हुई. पर असली सियासत तो मंच, हैलीपैड और तैयारियों के वक्त दिखती है. रैली के मंच पर सबने देखा कि मोदी ने प्रत्याशी और सांसद संगम लाल गुप्ता की पीठ कई बार थपथाई. संगम अनुप्रिया और केशव मौर्य के भाषण के दौरान हाथ जोड़े खड़े रहे. मोदी जब उठे, संगम को बैठा दिया. मंच पर मौजूद अनेक नेताओं ने मंच के हालात भी बताये. कैसे जब पूर्व सांसद राजकुमारी रत्ना सिंह की आवाज धीमी लगी तो जिला प्रभारी कौशलेंद्र पटेल ने फ़ौरन जिलाध्यक्ष आशीष श्रीवस्तव को संचालन सम्भालने के लिए इशारा किया और सांसद अमर अमर पाल मौर्य दोनों तरफ का जायजा लेते रहे.
मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहयोगी दल की नेता अनुप्रिया पटेल को पास बुलाकर सवाल पूछा. उसके बाद अनुप्रिया पटेल बेचैन हो गई. बाद में बेचैनी और बढ़ गयी जब अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महासभा का एक पत्र वायरल होते हुए मंच पर मौजूद तमाम नेताओं तक आ धमका. इस पत्र में कुर्मी महासभा ने
9 प्रत्याशियों को वोट देने की अपील जारी की है. पत्र में उन्हीं अनुप्रिया पटेल का नाम नहीं है जो कुर्मी जाति से नाम पर ही दल चलाती हैं. इसमें जो 9 प्रत्याशी हैं उनमें से एक नाम तो समाजवादी पार्टी के प्रतापगढ़ के प्रत्याशी एसपी सिंह पटेल का भी है, जो सीधे तौर पर संगम लाल गुप्ता के मुकाबले में मैदान में हैं. यहाँ कुर्मी वोट निर्णायक हैं और संख्या 5 लाख के आसपास है.
प्रतापगढ़ में भाजपा के प्रत्याशी संगम लाल गुप्ता पहले अपना दल के विधायक थे और पाला बदल कर भाजपा में चले गए थे. अभी इस इलाके के 5 विधान सभा क्षेत्रों में एक विश्वनाथगंज से अपना दल के विधायक हैं जीत लाल पटेल और एक सदर के विधायक हैं भाजपा के राजेंद्र मौर्य. तीन में सपा के दो कुर्मी विधायक आर के वर्मा और राम सिंह पटेल हैं. एक में कांग्रेस की मोना मिश्रा, जो सांसद प्रमोद तिवारी की बेटी हैं.
अब फिर मंच पर आइये. रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंच पर बैठे थे. उनके ठीक बगल में केशव प्रसाद मौर्य की कुर्सी थी और केशव के बाएं हाथ केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की कुर्सी. केशव सभा को संबोधित करने के लिए गए तो कुर्सी खाली हो गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इशारा करके अनुप्रिया को अपने ठीक बगल वाली कुर्सी पर बुला लिया. अनुप्रिया और नरेंद्र मोदी की कुर्सियों के पीछे भारतीय जनता पार्टी के कई नेता खड़े थे. एक नेता ने बताया कि
अनुप्रिया पटेल से प्रधानमंत्री ने पूछा कि तुम्हारे लोग रैली में आए हैं? अचानक इस सवाल ने अनुप्रिया को चौंका दिया. चेहरे पर बेचैनी के भाव आ गए. उन्होंने कहा कि मेरे लोग बराबर लगे हैं, आये भी हैं झण्डे के साथ…
प्रधानमंत्री ने यह सवाल क्यों पूछा? यह तो प्रधानमंत्री ही जानते होंगे लेकिन भारतीय जनता पार्टी के रणनीतिकार इस बात से जरूर परेशान हैं कि प्रतापगढ़ में खासकर विश्वनाथगंज विधानसभा क्षेत्र से जिस
तादाद में पटेल बहुल गांवों से भीड़ आनी चाहिए थी, वह अपेक्षा पूरी नहीं हुई.
रैली स्थल पर संगम लाल गुप्ता के कार्यालय की तरफ से भाजपा और अपना दल, निषाद पार्टी के सैकड़ो झंडे लगाए गए थे.भाजपा के स्थानीय चुनाव प्रबंधकों की बेचैनी का एक बड़ा कारण यह भी है कि समाजवादी पार्टी ने डॉक्टर एसपी सिंह पटेल को साइकिल के सिंबल पर चुनाव मैदान में उतारा है.
मोदी जब मंच से लौटे सब नेता उनके पीछे हो लिए. केंद्रीय मन्त्री अनुप्रिया पटेल की ‘बॉडी लैंग्वेज’ बदली हुई थी. चेहरे पर तनाव था और हताशा भी मुस्कराहट. मंच चढ़ते वक्त वे पट्टी के जिन पूर्व विधायक और पूर्व मन्त्री मोती सिंह को अनदेखा करके आगे बढ़ गई थीं, लौटते वक्त उनसे खुद आगे बढ़कर नमस्कार करते हुए लौटीं. मंच से उतरते वक्त बनारस के पूर्व मेयर कौशलेंद्र पटेल को देखकर प्रधान मन्त्री ने पूछा लिया आप यहां???
इस पर साथ चल रहे डिप्टी चीफ मिनिस्टर केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि कौशलेंद्र पटेल यहां के जिला प्रभारी बनाए गए हैं. मोदी आगे बढे तो पूर्व विधान परिषद सदस्य विंध्यवासिनी कुमार के नमस्कार का जवाब गर्मजोशी से दिया. कहा, बहुत दिन बाद मिलना हुआ. सियासत में हर हरकत एक संदेश देती है. इशारा करती है. सिर्फ जुबां नहीं बोलती. सुनने वाले हाव- भाव की खामोशी भी सुनते हैं. शायद तभी 17 मई को उत्तर प्रदेश भाजपा के महामंत्री (संगठन) धर्मपाल भी आ पहुंचे. 19 को मुख्य मन्त्री योगी आदित्यनाथ को आना है. जिले के अखबारों ने लिखा है कि प्रधान मन्त्री ने 27 मिनट के भाषण में एक बार भी योगी का नाम नहीं लिया. अनु प्रिया पटेल ने सिर्फ मोदी की तारीफ में भाषण दिया और केशव प्रसाद मौर्य सपा के नेता अखिलेश यादव पर हमेशा की तरह जमकर बरसे.

कुर्मी महासभा ने अनुप्रिया को नहीं दिया समर्थन
कानपुर. अखिल भारतीय कुर्मी महासभा की ओर से जो पत्र जारी किया गया है उसमें अपना दल की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल का नाम नहीं है. 9 लोगों में भाजपा के सिर्फ एक प्रत्याशी हैं फूलपुर के प्रवीन
कुमार पटेल. शेष जिन प्रत्याशियों के नाम का जिक्र किया गया है उसमें गोंडा से श्रेया वर्मा, श्रावस्ती से राम शिरोमणि वर्मा, सुल्तानपुर से उदय राज वर्मा,अंबेडकर नगर से लालजी वर्मा, प्रतापगढ़ से एसपी सिंह पटेल, इलाहाबाद में रमेश पटेल कुशीनगर में अजय सिंह सेटवार उर्फ पिंटू का नाम है. इन नामों में ज्यादातर लोग
समाजवादी पार्टी- इंडिया गठबंधन और बहुजन समाज पार्टी से जुड़े हैं. सपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे नरेश उत्तम का नाम भी समर्थन वाली सूची में नहीं है. सूची 16 मई को राष्ट्रीय महासचिव डॉ. यूपी सिंह के हस्ताक्षर से जारी की गई है.

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